tag:blogger.com,1999:blog-74797411455077629802024-02-07T01:43:30.379-08:00धर्म संस्कृति दर्पण:- धर्म व संस्कृति की पताका:-.तेरा वैभव अमर रहे मां हम दिन चार रहें न रहें
कभी विश्व गुरु रहे भारत की धर्म संस्कृति की पताका, विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये। कभी श्रापित हनुमान अपनी शक्तिओं का विस्मरण कर चुके थे, जामवंत जी के स्मरण कराने पर वे राक्षसी शक्तियों को परास्त करते हैं। आज इस समाज को राह दिखायेगा युग दर्पण YDMS👑 09971065525, 9911383670, 9911111611, 9999777358.Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.comBlogger135125tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-64887678658525554382023-02-15T15:30:00.000-08:002023-02-15T15:30:00.674-08:00भातिसीपु: ITBP की 7 नई बटालियन, 9400 नए पद सृजन... घोषणा YDMS<div><div><p>भातिसीपु: ITBP की 7 नई बटालियन, 9400 नए पद सृजन... घोषणा YDMS</p><p dir="ltr">#1/411, सामयिकी, विविध योजना चर्चा, संस्कृत -YDMS👑<br />DD-Live YDMS दूरदर्पण*<br />*युदस नदि 15 पर 2023:*<br />केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कबीना बैठक पर मीडिया को बताया कि चीन सीमा पर चौकसी बढ़ाने हेतु कबीना के बड़े निर्णय लिए।</p><p dir="ltr">मोदी कबीना की बैठक में चीन सीमा पर चौकसी बढ़ाने हेतु आईटीबीपी की नई बटालियन, नया क्षेत्र मुख्यालय स्थापित करने के साथ ही सहकारिता और सक्रिय ग्राम कार्यक्रम को लेकर भी बड़े निर्णय लिए गए हैं। मोदी कबीना ने लद्दाख की सभी मौसम सम्पर्कता हेतु सिंकुला सुरंग के निर्माण को भी स्वीकृति दे दी है। <br />YDMS: विविध विषयों के अधीकृत यूट्यूब चैनल DD-Live YDMS दूरदर्पण की प्ले सूची </p><p dir="ltr"><span style="background-color: #1877f2;">#सामयिकी</span>, विविध योजना चर्चा, संस्कृत -YDMS👑 के 1/411, पर वीडियो देखें-</p><p dir="ltr">भारत और चीन के बीच सीमा पर तनातनी को लेकर विपक्ष संसद में भी सरकार पर प्रहारक रहा। मोदी सरकार ने अब भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा का दायित्व संभाल रहे भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। मोदी कबीना की बुधवार हुई बैठक में आईटीबीपी की सात नई बटालियन बनाने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी।</p><p dir="ltr">केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कबीना की बैठक उपरांत इसकी घोषणा की। उन्होंने ये भी बताया कि कबीना बैठक में आईटीबीपी का एक क्षेत्रीय मुख्यालय की स्थापना के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी गई। इस प्रकार नई बटालियन हेतु एक अतिरिक्त क्षेत्रीय मुख्यालय स्थापित किया जाएगा। मोदी सरकार के मंत्री अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि आईटीबीपी में 9400 पदों का सृजन किया जाएगा।</p><p dir="ltr">उन्होंने ये भी कहा कि वर्ष 2025-26 तक इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर सतर्क रही आईटीबीपी, अभी 176 बॉर्डर आउट पोस्ट की सुरक्षा कर रही है। उन्होंने बताया कि भारत चीन के मध्य लंबी सीमा की सुरक्षा के लिए और सुरक्षाबल, तथा मुख्यालय की आवश्यकता थी।</p><p dir="ltr">-तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार, युगदर्पण ®2001 मीडिया समूह YDMS👑<br />https://youtube.com/playlist?list=PL3G9LcooHZf0AVxd6M9scdPxqlY_1Inov</p></div><div><br /></div></div>कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलकTilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-63537356150249564512022-10-22T01:52:00.000-07:002022-10-22T01:52:58.050-07:00<div><div>*लोकतंत्र अर्थात शर्मनिरपेक्ष भीड़तंत्र!* </div><div>*भूमिका:* </div><div>यूनान मिस्र रोमा सब मिट गए जहां से। कुछ बात है कि अब तक है जीवित, भारत वर्ष हमारा।। </div><div>विश्वगुरु भारत में अति विश्वास का दोष उपजा, इसका लाभ उठाकर गाज़ी गजनी जैसे आक्रांता और अंग्रेजी धूर्त अपने स्वप्न को बना पाए साकार मूर्त। </div><div>जब अंग्रेज शासकों ने देखा कि अब यहां अधिक समय तक शासन संभव नहीं, तो अंग्रेजी शिक्षा शैली के भारतीय मुखौटे को उत्तराधिकार सौंपने के उद्देश्य से खोजा, एक मुखौटा -इन दोनों के कुयोग से बना *स्वार्थी धूर्त।* 1947 में उसे राष्ट्नायक मान, सत्ता हस्तांतरण कर दिया। </div><div><br /></div><div><br /></div><div> _मुंबई के एक हिंदू बच्चे के मुसलमानों द्वारा उत्पीड़न की दर्दनाक-हृदयविदारक घटना_ </div><div><br /></div><div>-फोन पर मुंबई के एक मित्र से बेहद कष्टदायक जानकारी प्राप्त हुई । ये मामला मुंबई में नालोसोपारा के पास रहमत नगर में रहने वाले एक हिंदू शख्स से जुड़ा हुआ है । </div><div><br /></div><div>-दरअसल हुआ यूं कि उस पीड़ित हिंदू व्यक्ति के बच्चे का झगड़ा किसी बात पर मुसलमानों के बच्चों से हो गया । हालात ऐसे हो गए कि करीब 15 मुस्लिम बच्चे उस हिंदू बच्चे को पीटने लगे । आबादी का असंतुलन इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि हिंदू इसी तरह आसानी से जमकर पीटा जा रहा है । जब वो हिंदू बच्चा पिट रहा था तो पिटते पिटते भी उसने एक मुस्लिम बच्चे को प्रहार किया जिससे उसके गले में गंभीर चोट लग गई । </div><div><br /></div><div>-इस मामले में पीड़ित तो हिंदू बच्चा ही है क्योंकि उसको 15 मुस्लिम बच्चे मिलकर पीट रहे थे । लेकिन मुसलमानों ने अपने जबरदस्त भीड़तंत्र का लाभ उठाकर पूरा खेल ही पलट दिया । दरअसल दो तीन सौ के करीब मुसलमान उस हिंदू बच्चे कि पिता के दरवाजे पर पहुंचकर उपद्रव करने लगे । </div><div><br /></div><div>-उस बच्चे का पिता वो हिंदू व्यक्ति मुस्लिम भीड़ के हमले से काफी डर गया... उसने पुलिस को कॉल किया... जब पुलिस आई तो उसने समझाया कि ये बच्चों का ही झगड़ा है कोई ऐसी बात नहीं है तुम दो तीन दिन के लिए बाहर चले जाओ नहीं तो ये लोग तुमको परेशान करेंगे । फिर मामला ठंडा हो जाएगा तब लौट आना । </div><div><br /></div><div>-नोट करने वाली बात ये है कि पुलिस हिंदुओं की ही है लेकिन वो हिंदुओं की ही सलाह दे रही है कि तुम मुस्लिमों की भीड़ से डरकर शहर छोड़कर कुछ दिन के लिए भाग जाओ यानी ये भीड़तंत्र की सिस्टम पर विजय की शुरुआत हो गई... जबकि अगर देखा जाए तो वहां मौजूद हर मुसलमान पर हंगामा और उपद्रव करने की धारा लगनी चाहिए थी जो पुलिस ने डर के मारे नहीं लगाई</div><div><br /></div><div>-इसके बाद वो हिंदू व्यक्ति शहर छोड़कर दो तीन दिन के लिए बाहर चला गया लेकिन जब वो घर लौटा तो पता चला कि उसके खिलाफ लोकल थाने में मुसलमानों ने शिकायत डाल दी है । दरअसल हुआ ये कि जब वो शहर से बाहर गया था तो 500 मुसलमानों की भीड़ ने आकर पूरे थाने को घेर लिया । पुलिस ये जानते हुए भी कि हिंदू बच्चे की गलती नहीं है क्योंकि जब उसको 15 मुसलमान बच्चे मिलकर पीट रहे थे तो उसने बचाव में ही हमला किया था जो उसका अधिकार भी है । लेकिन इसके बाद भी मुसमलानों के भीड़तंत्र से घबराकर पुलिस ने उस मासूम बच्चे पर ही हाफ़ मर्डर का केस दर्ज कर दिया । </div><div><br /></div><div>-फिर कुछ मुसलमान मौलाना मौलवी उस हिंदू व्यक्ति के घर पर गए और कहा कि अगर वो डेढ़ दो लाख रुपए मस्जिद में जकात दे दे तो वो मामला खत्म करवा देंगे लेकिन उसके पास पैसे ही नहीं थे । तब एक दिन बाद उसके पास थाने से फोन आया । मुसलमानों ने ही फोन किया था और कहा था कि अपने बच्चे को साथ लेकर आना । हमने सुलह समझौता करवाना है । लेकिन जैसे ही बच्चा थाने पर आया उसको गिरफ्तार कर लिया गया और बाल सुधार गृह भेज दिया गया । </div><div><br /></div><div>-अब बाल सुधार गृह में बच्चों के साथ किस तरह का व्यवहार होता है ये किसी से छुपा तो नहीं है । 10 दिन बाद बच्चा बाल सुधार गृह से किसी प्रकार वापस आ सका है । लेकिन उसकी मानसिक स्थिति पर असर पड़ा है और उसके पिता का तो रो रो कर बुरा हाल है । बातचीत में पता ये चला कि वो हिंदू व्यक्ति बजरंग दल से भी जुड़ा हुआ है और तब भी उसके साथ खड़ा होने वाला कोई नहीं था । ऐसी घटना कभी किसी के साथ भी हो सकती है इसीलिए आपसे निवेदन है कि जागरूकता फैलाने के लिए हर हिंदू को सबसे पहले ये आर्टिकल जरूर फॉरवर्ड शेयर कर दें । अपने रिश्तेदारों दोस्तों सबको शेयर कर दें ।</div><div><br /></div><div>*नोट- कई मित्रों ने 9990521782 मोबाइल नंबर दिलीप नाम से सेव किया है लेकिन मिस्ड कॉल नहीं की , लेख के लिए मिस्ड कॉल और नंबर सेव, दोनों काम करने होंगे क्योंकि मैं ब्रॉडकास्ट लिस्ट से मैसेज भेजता हूं जिन्होंने नंबर सेव नहीं किया होगा उनको लेख नहीं मिलते होंगे.. जिनको लेख मिलते हैं वो मिस्डकॉल ना करें प्रार्थना* </div><div><br /></div><div> *मुल्ला मौलवी योगी जी के सामने क्यों गिड़गिड़ा रहे हैं?* </div><div> 👇👇👇👇👇👇👇Click</div><div> *https://youtu.be/9w8ldewjN0Q* </div><div> *ये मेरा यूट्यूब चैनल है इसको जरूर सब्सक्राइब करें और बेल आइकन दबाएं* </div><div><br /></div><div>-आगे की बात ये है कि अब पीड़ित का नाम बताने से कोई लाभ नहीं जो होना था वो हो गया । लेकिन आगे हम हिंदुओं को ऐसी घटनाओं का सामना करने के लिए तैयार होना है । मेरा ये मानना है कि अब ये पूरे देश के हर गांव मोहल्ले की कहानी बनती जा रही है और आपको यानी हिंदुओं को ये विचार करना है कि आखिर लोकतंत्र के भेड़तंत्र में इस मुस्लिम भीड़तंत्र को आप कैसे हराओगे ? इस लेख को शेयर जरूर करना ।</div><div><br /></div><div>-अब देखिए बात बहुत सीधी सी है... भीड़तंत्र का जवाब यही होता है कि भीड़ पर कार्रवाई की जाए... लेकिन उसके लिए योगी जी जैसा सीएम और योगी जी वाली पुलिस होनी चाहिए । लेकिन फिर भी भीड़तंत्र का सही जवाब तो भीड़ पर लाठीचार्ज ही है लेकिन इसके लिए पुलिस को फैसला लेना होगा । लेकिन पुलिस नेताओं की गुलाम होती है और नेता मुस्लिम वोट का गुलाम होता है ।</div><div> </div><div>*मित्र यूट्यूब पर मैंने एक राष्ट्रवाद का चैनल भी बनाया है । आप यूट्यूब पर सर्च कीजिए लिखिए... Dileep Pandey तो आपको सबसे पहले मेरा चैनल मिल जाएगा ! उसी चैनल पर आपको कई वीडियो मिलेंगे.. जैसे हिंदुओं को क्या करना चाहिए और एक वीडियो ये भी है कि कैसे योगी जी के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं मौलाना । आप से निवेदन है कि आप जरूर चैनल को सब्रस्क्राइब करें और ऑल नोटिफिकेशन वाला बेल आइकन दबाएं धन्यवाद ।* </div><div><br /></div><div>-अब इसका उपाय ये है कि अगर मुस्लिम 200 की भीड़ लाए तो हिंदू 300 की भीड़ लाए और अगर मुसमलान 500 की भीड़ लाए तो हिंदू 1000 की भीड़ लाने की कोशिश करे तभी उसको न्याय मिल सकता है । और पुलिस उसके समर्थन में खड़ी होगी । अन्यथा इसी तरह हिंदू पिटता रहेगा । </div><div><br /></div><div>-आपसे प्रार्थना है कि आप अपने गली मोहल्ले में एकता बनाइए । एक एक आदमी को जोड़िए और उसको मानसिक रूप से तैयार कीजिए कि भाई थाने की घेराबंदी भी करनी पड़ेगी तभी न्याय मिल पाएगा हिंदुस्तान में अब । क्योंकि हिंदुस्तान अब जिहादियों के भीड़तंत्र का बंधक बन गया है ।</div><div><br /></div><div>धन्यवाद</div><div><br /></div></div>कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलकTilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-73291803498502345232022-10-11T07:57:00.002-07:002022-10-11T07:57:48.703-07:00<div><h2 style="text-align: left;">*PM Narendra Modi at Shree Mahakal Corridor at Mahakal Lok in Ujjain Madhya Pradesh. Live* </h2><h3 style="text-align: left;">🚩1/522, विविध समारोह व अन्य परिस्थितियां -👉 🔑<br />▶️DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण <br />https://t.me/ydms_dsssd </h3><div><br /></div><h4 style="text-align: left;">*युदस नदि/उज्जैन मप्र 11 अक्टू 2022:* </h4><div>पसूका से साभार, आप देख रहे हैं सीधे प्रसारण में *प्रधानमंत्री उज्जैन महाकाल मंदिर में पूजा करने के पश्चात्, मुमं शिवराज सिंह चौहान उज्जैन मप्र से पूरा विवरण बताते हुए Live* *PM Narendra Modi at Shree Mahakal Corridor at Mahakal Lok in Ujjain Madhya Pradesh. Live with CM Shivraj Singh Chauhan. *हमारे विविध विषयों के चैनल ▶️DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण की प्ले सूची 🚩विविध समारोह व अन्य परिस्थितियां -👉क्रसं 1/522, पर। अधिक विवरण वीडियो में स्वयं ही देख सकते हैं। </div><div>इसके अतिरिक्त अन्य प्ले सूची 🚩पर्व धर्म तीर्थ संस्कृति संस्कार चिंतन-👉 यही नहीं सर्व प्रादेशिक चैनल ▶️CD-Live YDMS👑 चयनदर्पण, की मप्र की प्ले सूची में भी सक्रिय उपलब्ध है। </div><div>ऐसे सभी अधीकृत समाचार सीधे प्रसारण पाने हेतु उपरोक्त दोनों यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें। </div><div><br /></div><h4 style="text-align: left;">-तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार -युगदर्पण ®2001 मीडिया समूह YDMS 👑 <br />https://youtube.com/playlist?list=PL3G9LcooHZf3UAv6VdwTa7kPnlOh11VLr</h4></div>कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलकTilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-1564611379136811942022-10-11T07:08:00.002-07:002022-10-11T07:08:38.703-07:00<div><h2> *प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उज्जैन महाकाल मंदिर में पूजा करते Live* </h2><h3>🚩1/521, विविध समारोह व अन्य परिस्थितियां -👉 🔑<br />▶️DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण<br />https://t.me/ydms_oll</h3><br /><h4>*युदस नदि/उज्जैन मप्र 11 अक्टू 2022:* पसूका से साभार, आप देख रहे हैं सीधे प्रसारण में *प्रधानमंत्री उज्जैन महाकाल मंदिर में पूजा करते उज्जैन मप्र से Live* हमारे विविध विषयों के चैनल ▶️DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण की प्ले सूची 🚩विविध समारोह व अन्य परिस्थितियां -👉क्रसं 1/521, पर।</h4>इसके अतिरिक्त अन्य प्ले सूची 🚩पर्व धर्म तीर्थ संस्कृति संस्कार चिंतन-👉 यही नहीं सर्व प्रादेशिक चैनल ▶️CD-Live YDMS👑 चयनदर्पण, की मप्र की प्ले सूची में भी सक्रिय उपलब्ध है।<br />ऐसे सभी अधीकृत समाचार सीधे प्रसारण पाने हेतु उपरोक्त दोनों यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें।<br /><br /><h4>-तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार -युगदर्पण ®2001 मीडिया समूह YDMS 👑<br />https://youtube.com/playlist?list=PL3G9LcooHZf3UAv6VdwTa7kPnlOh11VLr </h4></div>कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलकTilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-33898948812236595632022-09-02T02:51:00.000-07:002022-09-02T02:51:16.643-07:00<div><div><h2>PM Narendra Modi takes part in commissioning ceremony of INS Vikrant in Kochi, Kerala.<br />एक और गुलामी की निशानी से मिली मुक्ति, भारतीय नौसेना को मिला नया निशान।</h2><h4>👉1-5/358, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं संरक्षा दर्पण👈<br />▶️DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण </h4><h4>https://t.me/ydms_oll <br />*युदस नदि 2 सितं2022:* (Courtesy PIB/PMO, विसंकें.) PM Narendra Modi takes part in commissioning ceremony of INS Vikrant in Kochi, Kerala. Address and unveils new Naval Ensign to replace St. Jeorge cross with a seal from Great Chhatrapati Shivaji.</h4>👉एक और गुलामी की निशानी से मिली मुक्ति, भारतीय नौसेना को मिला नया निशान। सेंट जॉर्ज क्रास को हटाकर छत्रपति शिवाजी की मुहर लगाई।👈<br />*यह वीडियो आपको सीधे प्रसारण उपलब्ध करा रहे हैं अधीकृत वीडियो समाचार की श्रृंखला YDMS👑 के माध्यम।* हमारी श्रृंखला के विविध विषयों के यूट्यूब चैनल *▶DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण* की विविध विषयों की प्ले सूची *👉1-5/358, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं संरक्षा दर्पण👈* एवं 5 अन्य। ऐसे सक्रिय अधीकृत समाचार निरंतर पाने हेतु चैनल सब्सक्राइब करें एवं सर्व प्रादेशिक यूट्यूब चैनल *▶CD-Live YDMS👑 चयनदर्पण* तथा दोनों की घंटी का बटन दबाएं। <br /><h4><br /><span style="font-size: medium;">- तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार,<br /></span><span style="font-size: medium;">युगदर्पण®2001 मीडिया समूह YDMS👑</span></h4><br /><h4>https://youtube.com/playlist?list=PL3G9LcooHZf2-03Ld2c2njYG8azrswgQ1 </h4></div><div><br /></div>यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण, योग्यता व क्षमता विद्यमान है </div>Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-33191700368944947152022-07-01T10:40:00.005-07:002022-07-01T10:40:57.274-07:00रथ यात्रा पर देशवासियों को बधाई। <div><h3 style="text-align: left;">रथ यात्रा पर देशवासियों को बधाई। </h3><div>*युदस नदि 1 जुलाई 2022:* साभार प्रधानमंत्री कार्यालय एवं पसूका: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रथ यात्रा के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने इस बार ‘मन की बात’ में भारतीय संस्कृति में यात्रा के महत्त्व पर उल्लिखित अपने विचारों वाला एक वीडियो भी साझा किया है। </div><div><br /></div><div>साथ ही युगदर्पण®2001 मीडिया समूह की ओर से भी, रथ यात्रा के अवसर पर सभी देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं हो। </div><div><br /></div><div>https://t.me/+MUSWjHaMjSo5MTQ1</div><div><br /></div><div>प्रधानमंत्री ने ट्वीट भी किया हैः </div><div> “रथ यात्रा के विशेष दिवस पर बधाई। हम भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करते हैं कि वे निरंतर कृपा बनाये रखें। हमें अच्छे स्वास्थ्य और आनन्द के लिये उनका आशीर्वाद प्राप्त हो।</div><div><br /></div><div>प्रधानमंत्री ने कहा, #मन की बात करते, रथ यात्रा के विषय में और हमारी संस्कृति में यात्रा के महत्व पर मैंने जो कहा था, उसे साझा कर रहा हूं।”</div><div><br /></div><div>Greetings on the special day of Rath Yatra. We pray to Lord Jagannath for his constant blessings. May we all be blessed with good health and happiness. </div><div><br /></div><div>Sharing what I had spoken about the Rath Yatra and the importance of a Yatra in our culture during the recent #MannKiBaat. pic.twitter.com/RnREC22ACQ</div><div><br /></div><div>— Narendra Modi (@narendramodi) July 1, 2022</div><div><br /></div><div>-तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार, </div><div>समूह संपादक युगदर्पण®2001 मीडिया समूह YDMS👑 </div></div>कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये। - तिलकTilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-39914132805733612812022-06-25T11:28:00.001-07:002022-06-25T11:28:27.381-07:00👉आज़ादी का सफर, रामकृ मिशन स्थापना दिवस आज और स्वतंत्रता सैनानी प्रफुल्ल चाकी को नमन 1 May👈 <div><div><h2>👉आज़ादी का सफर, रामकृ मिशन स्थापना दिवस आज और स्वतंत्रता सैनानी प्रफुल्ल चाकी को नमन 1 May👈 साभार सू प्र मं </h2><div>*9/332, जीवन-शैली दर्पण:* योग से निरोग, पर्या. सेवा परि. स्वस्थ - आरोग्य सेवा.. </div><div>▶️DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण </div><div>*युदस नदि 25 जून 22:* आज़ादी का सफर, रामकृ मिशन स्थापना दिवस आज और स्वतंत्रता सैनानी प्रफुल्ल चाकी को नमन 1 May को तथा इसके अतिरिक्त अन्य वीडियो में पायेंगे- </div><div>जीवन शैली, घर परिवार, समाज आदि विषयों से जुड़ी अति महत्वपूर्ण जानकारियों का संग्रह YDMS👑 के माध्यम स्वास्थ्य, घरेलू एवं सामाजिक वातावरण निर्माण हेतु आप सादर आमंत्रित हैं</div><div>bloggers जीवनशैली दर्पण, घरपरिवार दर्पण, समाज दर्पण सहित 30 ब्लॉग की श्रृंखला। </div><div>- तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार, </div><div>युगदर्पण®2001 मीडिया समूह YDMS👑 </div><div>https://t.me/ydmsjsh </div><div><br /></div><div>https://youtube.com/playlist?list=PL3G9LcooHZf00O9KsIOWgH4JJJaFVgMp- </div></div><div><br /></div></div>कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये। - तिलक Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-77557028852348688042022-06-25T11:03:00.000-07:002022-06-25T11:03:14.907-07:00👉आध्यात्मिक नगरी, विश्व सनातन की राजधानी काशी में सुबह 5:30 बजे, मां गंगा का स्पर्श 11 May👈<div><h2 style="text-align: left;">👉आध्यात्मिक नगरी, विश्व सनातन की राजधानी काशी में सुबह 5:30 बजे, मां गंगा का स्पर्श 11 May👈 पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ </h2><div>*4/332, जीवन-शैली दर्पण:* योग से निरोग, पर्या. सेवा परि. स्वस्थ - आरोग्य सेवा.. </div><div>▶️DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण </div><div>*युदस नदि 25 जून 22:* आध्यात्मिक नगरी, विश्व सनातन की राजधानी काशी में सुबह 5:30 बजे, मां गंगा का स्पर्श का अनुभव पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठके द्वारा, 11 मई को तथा इसके अतिरिक्त अन्य वीडियो में पायेंगे- </div><div>जीवन शैली, घर परिवार, समाज आदि विषयों से जुड़ी अति महत्वपूर्ण जानकारियों का संग्रह YDMS👑 के माध्यम स्वास्थ्य, घरेलू एवं सामाजिक वातावरण निर्माण हेतु आप सादर आमंत्रित हैं</div><div>bloggers जीवनशैली दर्पण, घरपरिवार दर्पण, समाज दर्पण सहित 30 ब्लॉग की श्रृंखला। </div><div>- तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार, </div><div>युगदर्पण®2001 मीडिया समूह YDMS👑 </div><div><br /></div><div>https://youtube.com/playlist?list=PL3G9LcooHZf00O9KsIOWgH4JJJaFVgMp- </div></div><div><br /></div><div>http://t.me/ydmsjsh </div><div><br /></div>कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये। - तिलक Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-51967416085338570312022-06-25T06:45:00.004-07:002022-06-25T06:45:58.612-07:00👉बुद्ध पूर्णिमा, महात्मा बुद्ध एवं बौद्ध दर्शन तथा डॉ अम्बेडकर👈 <div><div><h2>👉बुद्ध पूर्णिमा, महात्मा बुद्ध एवं बौद्ध दर्शन तथा डॉ अम्बेडकर👈 </h2><div>*1/332, जीवन-शैली दर्पण:* योग से निरोग, पर्या. सेवा परि. स्वस्थ - आरोग्य सेवा.. </div><div>▶️DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण </div><div>*युदस नदि 25 जून 22:* courtesy IVSKN 13 मई, उक्त वीडियो में बुद्ध पूर्णिमा, महात्मा बुद्ध एवं बौद्ध दर्शन तथा डॉ अम्बेडकर पर तथा इसके अतिरिक्त अन्य वीडियो में पायेंगे- </div><div>जीवन शैली, घर परिवार, समाज आदि विषयों से जुड़ी अति महत्वपूर्ण जानकारियों का संग्रह YDMS👑 के माध्यम स्वास्थ्य, घरेलू एवं सामाजिक वातावरण निर्माण हेतु आप सादर आमंत्रित हैं</div><div>bloggers जीवनशैली दर्पण, घरपरिवार दर्पण, समाज दर्पण सहित 30 ब्लॉग की श्रृंखला। </div><div>- तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार, </div><div>युगदर्पण®2001 मीडिया समूह YDMS👑 http://t.me/ydmsjsh </div><div><br /></div><div>https://youtube.com/playlist?list=PL3G9LcooHZf00O9KsIOWgH4JJJaFVgMp- </div></div><div><br /></div>पूरा परिवेश पश्चिम की भेंट चढ़ गया है | उसे संस्कारित, योग, आयुर्वेद का अनुसरण कर हम अपने जीवन को उचित शैली में ढाल सकते हैं | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक</div>कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलकTilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-34493230251716048732022-04-20T12:08:00.000-07:002022-04-20T12:08:22.194-07:00#सामयिक विषयों पर चर्चा YDMS👑 <div><div><span style="font-size: x-large;">सामयिक विषय </span></div><div><span style="font-size: x-large;">#सामयिक विषयों पर चर्चा YDMS👑 </span></div><div><br /></div><div>हिंदुओं पर घात अंतर्राष्ट्रीय जिहादी कुचक्र, रासुका में हो कार्यवाही: डॉ सुरेन्द्र जैन </div><div>https://t.me/ydmsjhj </div><div><br /></div><div>*युदस/विहिप नदि 19 अप्रैल 22:* विहिप की 16 अप्रैल को जारी प्रेस विज्ञप्ति (संपादित) के अनुसार, विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेन्द्र कुमार जैन ने कहा है कि रामनवमी के पावन कार्यक्रमों पर मुस्लिम समाज द्वारा किए जा रहे हिंसक घातक्रम, निर्बाध चल रहा है। उड़ीसा, गोवा अपेक्षाकृत शांत प्रदेश माने जाते हैं। वहां भी रामोत्सव पर घात घोर चिंता का विषय है। विगत दिनों JNU सहित 20 से अधिक स्थानों पर रामनवमी के आयोजनों पर हिंसक घात किए गए। घरों की छतों से पत्थर, ईटें, पेट्रोल बम, तेजाब की बोतलें आदि फेंके गये। अवैध हथियार लहराते हुए जिहादियों की भीड़ ने हिंदुओं पर घात किए। महिलाओं की अस्मिता लूटने का प्रयास किया गया, मंदिरों को तोड़ा गया तथा पुलिसकर्मियों पर भी प्राणघाति घात किए गए।</div><div><br /></div><div>विहिप का मानना है कि ये घात आतंकवादी कार्यवाही हैं। हर हिंसक और उसको शरण देने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्यवाही होनी चाहिए। अल-जवाहरी के वीडियो से यह स्पष्ट हो जाता है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय कुचक्र है। भारत के एक आतंकी संगठन पीएफआई की भूमिका अब स्पष्ट रूप से सामने आ रही है। इन हिंसक घात के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के भारत विरोधी "टूल किट गैंग" का आर्थिक, बौद्धिक व राजनीतिक समर्थन मिल रहा है। दुर्भाग्य से भारत के अधिकांश मुस्लिम नेता और कांग्रेस तथा उनके कोख से निकले सभी दल, इन घातक दलदल में एक साथ खड़े हो गए हैं। टीवी स्टूडियो से लेकर सड़क और न्यायालय तक हर कहीं यह "टूल किट गैंग" इन जिहादियों की रक्षा में एकजुट हो गया है। सोशल मीडिया पर भी मुसलमानों को भड़काने वाले प्रयास विदेशों में रहने वाले कई धनिक जेहादी कर रहे हैं। गत दिनों सोशल मीडिया पर एक बड़ी सक्रियता इन जिहादी तत्वों के द्वारा दिखाई दी। ये भारत विरोधी वातावरण बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे। यह तथ्य सामने आया कि इसमें भारत से बाहर के लोगों का 87% सहयोग है। हमारा यह आरोप सिद्ध हो जाता है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय कुचक्र के अंतर्गत किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि वे भारत में गृह युद्ध की स्थिति निर्माण करना चाहते हैं। </div><div><br /></div><div>डॉ जैन ने कहा कि यह बर्बर हिंसा रमजान के कथित पवित्र माह में हो रही है। क्या जिहादियों की पवित्रता का अर्थ हिंदुओं का नरसंहार है, महिलाओं पर बलात्कार के प्रयास, मंदिरों को ध्वस्त करना, मकानों व दुकानों को लूट कर आग लगा देना, पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलाना दलितों के घरों को आग लगाकर उनकी महिलाओं के साथ अपमान करना है?</div><div><br /></div><div>उन्होंने कहा कि एक बात स्पष्ट हो गई है कि, "मीम और भीम" के नारे लगाने वाले भी पीएफआई के ही 'एजेंट' है। अनुसूचित समाज का वर्ग सदा से जिहादियों का सामना करने में सबसे आगे रहता है। इनके साथ मित्रता का नारा दलितों के जनधन पर एक निकृष्ट राजनीति करने का प्रयास है। अब उनका घृणित चेहरा भी प्रत्यक्ष हो गया है। उनके मुंह से इन दानवों के विरोध लिए, एक शब्द भी निकला? </div><div><br /></div><div>इन घटनाओं से कुछ आधारभूत प्रश्न खड़े होते हैं :</div><div><br /></div><div>1. मुस्लिम समाज की हठधर्मिता के कारण ही धर्म के आधार पर भारत का विभाजन हुआ था। स्वतंत्रता के बाद भी ये जिहादी हिंदुओं पर घात करने का कोई ना कोई कारण ढूंढ लेते हैं। CAA का भारतीय मुस्लिम समाज से कोई लेना-देना नहीं था, किन्तु शाहीन बाग, शिव विहार जैसे पचासियों स्थानों पर इन्होंने कानून व्यवस्था को ध्वस्त किया और हिंदुओं पर घात किए। हिजाब का विषय एक विद्यालय के गणवेश का विषय था। परंतु जिस प्रकार निर्णय देने वाले न्यायाधीशों को धमकी दी गई और हर्षा की निर्मम हत्या की गई, उससे इनकी मानसिकता स्पष्ट हो जाती है। कुछ लोग कहते हैं कि जिनको भारत में हिंदुओं से प्यार था वही भारत में रह गए। यदि यह सत्य है तो ये घटनाएं क्यों होती हैं? क्यों अभी तक कोई बड़ा मुस्लिम नेता इन हिंसक घटनाओं या राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का विरोध नहीं करता? मुर्तजा जैसे आतंकी के साथ ये सब क्यों खड़े हुए दिखाई देते हैं? </div><div><br /></div><div>((प्रश्न: 30 करोड़ में से कुछ मुट्ठी भर, अब्दुल कलाम अथवा अब्दुल हमीद, अपवाद, अन्य कितने हैं? इसके विपरीत जिहादियों के समर्थन में करोड़ों हैं?)) </div><div><br /></div><div>2. एक बात बार-बार कही जाती है कि भड़काऊ नारे लगाए गए। कौन से भड़काऊ नारे? ‘जय श्री राम’, व ‘भारत माता की जय’ भड़काऊ नारा कैसे हो सकते हैं? इसके विपरीत कट्टरपंथियों के कई कार्यक्रमों में 'सर धड़ से जुदा होगा' या 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' नारे लगाना क्या भड़काऊ नारे नहीं है? विश्व इतिहास का सबसे भड़काऊ नारा है तो "ला इलाह इल्लल्लाह, मोहम्मद उर रसूल अल्लाह" है। <span style="font-size: medium;">क्या दिन में 5 बार अजान के समय 'केवल अल्लाह की पूजा की जा सकती है किसी और की नहीं' यह कहकर वे हिंदुओं को भड़काने का प्रयास</span> नहीं करते? यदि भड़काऊ नारे के नाम पर ही रामनवमी पर हमलों को ये उचित 'जायज' ठहराते हैं तो इनके नारों के विरोध में हिंदुओं को क्या करना चाहिए? </div><div><br /></div><div>3. इस्लाम से सबसे अधिक पीड़ित समाज भारत के मुसलमान हैं। 85% मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे, जिनको बलात् मूसलमान बनाया गया। उनके मन में इन मुस्लिम आक्रमणकारियों के प्रति श्रद्धा नहीं, घृणा होनी चाहिए। ऐसा लगता है कि भारत का मुसलमान 'स्टॉकहोम सिंड्रोम' से पीड़ित है। इस सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति अपने ऊपर अत्याचार करने वाले से प्यार करने लग जाता है और उसके मार्ग पर चलने लग जाता है। किन्तु सौभाग्य से एक दूसरा वर्ग भी है, जो दारा शिकोह, रसखान और एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानता है। इस दूसरे देश भक्त समाज की आवाज दब रही है। दुर्भाग्य से जो आक्रमणकारियों के साथ खड़ा है, वही नेतृत्व करता हुआ दिखाई देता है। इसलिए रजाकारों के मानस पुत्र सहित सभी मुस्लिम नेता आज मुस्लिम समाज को भड़काने का प्रयास करते हैं।</div><div><br /></div><div>4. कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति के कारण ही भारत का विभाजन हुआ था। दुर्भाग्य से कांग्रेस की यह नीति स्वतंत्रता के बाद भी नहीं बदली। स्वतंत्र भारत में आतंकवाद के सभी स्वरूपों के पीछे कांग्रेस और इनके कोख से जन्म लेने वाले सभी तथाकथित शर्म निरपेक्ष दलों की दलदल हैं। यह तथ्य है कि मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की कांग्रेस सरकार के संरक्षण में ही SIMI फली फूली थी और आज भी इन्होंने एक गलत तथ्य को ट्वीट करके मध्य प्रदेश को दंगों की आग में झोंकने का असफल प्रयास किया है। राजस्थान में दंगाइयों को पकड़ने के विपरीत गहलोत सरकार ने जिस प्रकार सभी धार्मिक शोभा यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया है, वह इसी मानसिकता को दर्शाता है। रामनवमी, महावीर जयंती, गुरु तेग बहादुर आदि की शोभायात्राओं के ऊपर तो पाबंदी लग गई, किन्तु यह निश्चित है मोहर्रम आने तक यह पाबंदी हटा दी जायेगी। हिंदुओं की शोभायात्रा पर पाबंदी लगाने वाली कांग्रेस की शव यात्रा शीघ्र ही निकालेगी यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है। </div><div><br /></div><div>5. यह विचारणीय तथ्य है कि दंगे वहीं क्यों होते हैं जहां हिंदू अल्पसंख्या में होता है। विश्व हिंदू परिषद गंभीरता से चाहती है कि हमें वह दिन नहीं आने देना चाहिए कि हिंदू इन दंगाइयों को उनकी ही भाषा में हिंदू बहुल क्षेत्रों में प्रत्युत्तर देने लगे। इसका दायित्व भारत के सभी प्रबुद्ध लोगों और राजनीतिक दलों का ही है। यदि ऐसा हुआ तो क्या परिणाम होगा, इसका विचार सरलता से किया जा सकता है। किन्तु एक तथ्य स्मरण रखना चाहिए, जहां हिंदू अल्पसंख्यक है क्या वह वहां सदा पिटता रहा है या पिटता रहेगा? इतिहास बता रहा है अब यह सत्य नहीं है। मुजफ्फरनगर, शामली, शिव विहार आदि कई स्थानों के अनुभव जेहादी नेता भूले नहीं होंगे। </div><div><br /></div><div>विश्व हिंदू परिषद देश की सभी सरकारों और राजनीतिक दलों से अपील करती कि वे अपने राजनीतिक स्वार्थ को छोड़कर देशहित का विचार करें। देश को विकासमार्ग पर ले जाने के अपने दायित्व को स्वीकार करें। उन्हें इतिहास का ध्यान रखना चाहिए कि मोहम्मद बिन कासिम का साथ देने वाले जयचंद की क्या दुर्गति हुई थी। अपने स्वार्थ के लिए देश हित की बली चढ़ाने वालों की दुर्गति यही होती है। </div><div><br /></div><div>विहिप हिन्दू समाज का भी आह्वान करती है कि 'पलायन नहीं पराक्रम' हिन्दू का संकल्प रहा है। जहाँ की सरकारें दंगाईयों पर कठोर कार्यवाही कर रही हैं, उनका साथ दें और जहाँ वे दंगाइयों के साथ हैं, वहाँ अपने सामर्थ्य को जागृत करें। हमें दंगाइयों से भयभीत न होते हुए स्वाभिमान पूर्ण जीवन जीने की परिस्थितियों का निर्माण करना है। दंगाइयों को स्मरण रखना चाहिए, यह 1946 नहीं है। संकल्प और शौर्यवान हिंदू उनके षड्यंत्रों को सफल नहीं होने देगा।</div><div> </div><div>- तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार, </div><div>युगदर्पण®2001 मीडिया समूह YDMS👑 </div><div><br /></div><div> https://vhp.org/press_releases/ </div></div><div><br /></div>कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलकTilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-37149515289980659122021-07-24T03:11:00.000-07:002021-07-24T03:11:24.775-07:00गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं!<div><p> गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुरेव परंब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।। गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं! </p><p>जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती हैं बसेरा, वो भारत देश है मेरा। जहां सत्य अहिंसा और धर्म का पग पग लगता डेरा, वो भारत देश है मेरा। जय भारती, जय भारती, जय भारती, जय भारती।। </p><p>तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार</p><p>-युगदर्पण®2001 मीडिया समूह YDMS👑 </p></div>कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलकTilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-66468719055775916542020-01-20T00:22:00.000-08:002020-01-20T00:22:20.406-08:00YDMS👑प्रस्तुति... DD-Live YDMS दूरदर्पण, CD-Live YDMS चुनावदर्पण देश को समर्पित, दो यू-टयूब राष्ट्रीय चैनल.<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<span style="font-size: large;">👑आज अपने जन्म दिवस के अवसर पर, देश को समर्पित हैं, दो यू-टयूब राष्ट्रीय चैनल </span><br />
सकारात्मक सार्थक श्रेष्ठ चयनित समाचार का प्रतीक <b>YDMS</b>👑प्रस्तुति<br />
<b>DD-Live YDMS दूरदर्पण </b>विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची <a href="https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg">https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg</a> एवं<br />
देश की राजनीति पर युगदर्पण मीडिया समूह का नया यू-टयूब चैनल <b>CD-Live YDMS चुनावदर्पण</b><br />
<a href="https://www.youtube.com/channel/UCjS_ujNAXXQXD4JZXYB-d8Q/channels?disable_polymer=true">https://www.youtube.com/channel/UCjS_ujNAXXQXD4JZXYB-d8Q/channels?disable_polymer=true</a><br />
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक</div>
Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-10023227877501341092019-12-02T04:28:00.001-08:002019-12-02T04:28:09.692-08:00गीता प्रेरणा महोत्सव की शुरुआत,कार्यक्रम में पहुंचे सीएम मनोहर लाल<iframe allowfullscreen="" frameborder="0" height="270" src="https://www.youtube.com/embed/A3259hXqywc" width="480"></iframe><br />
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अन्यत्र, हिन्दू समाज व हिदुत्व और भारत, <br />
को प्रभावित करने वाली जानकारी का दर्पण है:<br />
विश्वदर्पण | आओ, मिलकर इसे बनायें; -तिलकTilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-78555359865323588142016-05-08T05:00:00.000-07:002016-05-08T05:09:40.829-07:00प्रभु रेल: मात्र 830 रुपया प्रतिदिन में ‘भारत दर्शन’ करें <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div style="font-family: 'ek mukta', serif; font-size: 32px; line-height: 18px; text-align: justify;">
<span style="font-family: "oswald" , sans-serif; font-weight: bold; line-height: 1.38462;"><span style="font-size: small;">प्रभु रेल: मात्र 830 रुपया प्रतिदिन में ‘भारत दर्शन’ करें </span></span></div>
<div style="font-family: 'ek mukta', serif; font-size: 32px; font-weight: bold; line-height: 18px; text-align: justify;">
<span style="font-weight: normal;"><span style="border: 0px; font-family: inherit; font-stretch: inherit; font-style: inherit; font-variant: inherit; line-height: inherit; margin: 0px; padding: 0px; vertical-align: baseline;"><span style="font-size: small;">रेल मंत्रालय के इस भारत दर्शन संकुल (पैकेज) में </span></span><span style="border: 0px; font-family: inherit; font-stretch: inherit; font-style: inherit; font-variant: inherit; line-height: inherit; margin: 0px; padding: 0px; vertical-align: baseline;"><span style="font-size: small;">शामिल है; </span></span><span style="border: 0px; font-family: inherit; font-stretch: inherit; font-style: inherit; font-variant: inherit; line-height: inherit; margin: 0px; padding: 0px; vertical-align: baseline;"><span style="font-size: small;">रेल यात्रा, सड़क-परिवहन के साथ-साथ ठहरने और खान-पान व्यवस्था भी। </span></span></span></div>
<div style="font-family: 'ek mukta', serif; font-size: 32px; font-weight: bold; line-height: 18px; text-align: justify;">
<a href="https://pbs.twimg.com/media/Ch6jZjbUkAAEBIl.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; color: #1155cc; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><span style="color: black; font-size: small;"><img border="0" height="145" src="https://pbs.twimg.com/media/Ch6jZjbUkAAEBIl.jpg" width="200" /></span></a><span style="font-size: small;"><span style="font-family: "arial" , sans-serif; font-weight: normal; line-height: 20px; text-align: left;">न दि, 8 मई (तिलक)</span><span style="font-family: "arial" , sans-serif; font-weight: normal;"> </span><span style="font-family: "arial" , sans-serif; font-weight: normal; line-height: 20px; text-align: left;">।</span><span style="font-family: "georgia" , serif; font-weight: normal; line-height: 27px;"> </span><span style="font-family: "georgia" , serif; font-weight: normal; line-height: 27px;">भारतीय रेल ने तीर्थ यात्रियों को बड़ी सुविधा देते हुए, भारत दर्शन पर्यटक गाड़ी आरम्भ की है। इस गाड़ी से तीर्थ दर्शनार्थी शिरडी, तिरुपति, जगन्नाथ पुरी, बैद्यनाथ धाम सहित अन्य ज्योतिर्लिगों का भी दर्शन करेंगे। </span><span style="font-family: "georgia" , serif; font-weight: normal; line-height: 27px;">ये</span><span style="font-family: "georgia" , serif; font-weight: normal; line-height: 27px;"> गाड़ी </span><span style="font-family: "georgia" , serif; font-weight: normal; line-height: 27px;">प्रथम बार </span><span style="font-family: "georgia" , serif; font-weight: normal; line-height: 27px;">8 मई को</span><span style="font-family: "georgia" , serif; font-weight: normal; line-height: 27px;"> पूर्व दर्शन हेतु </span><span style="font-family: "georgia" , serif; font-weight: normal; line-height: 27px;">चंडीगढ़ से प्रस्थान होगी, बताया जा रहा है कि इसमें 10 डिब्बे होगें। ये </span><span style="font-family: "georgia" , serif; font-weight: normal; line-height: 27px;">गाड़ी</span><span style="font-family: "georgia" , serif; font-weight: normal; line-height: 27px;"> चंडीगढ़ से चलकर दिल्ली पहुंचेगी, फिर अयोध्या, वाराणसी, गया के रास्ते बैद्यनाथ धाम, जगन्नाथ पुरी होते हुए गंगा सागर पहुंचेगी। </span></span></div>
<div style="font-family: 'ek mukta', serif; font-size: 32px; line-height: 18px; text-align: justify;">
<span style="font-size: small;"><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">इस </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">गाड़ी</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> ने अपनी 15 दिवसीय पहली यात्रा के लिए सारे यात्रियों का पंजीकरण हो चुका है, </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">रेलवे </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">गाड़ी</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> विशेषकर तीर्थ यात्रियों को ध्यान में रखते चलाई गई है, इसमें तीर्थ यात्रियों के बजट का भी </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">विशेष</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> ध्यान रखा गया है, </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">830 रुपये</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> प्रति </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">दिन</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">में</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">इस </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">गाड़ी</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> से यात्रा के अतिरिक्त यात्रियों को परिवहन, भोजन सहित जहाँ आवश्यक हुआ ठहरने की व्यवस्था होगी, ये </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">गाड़ी</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> देश के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की यात्रा करवाएंगी। </span></span></div>
<div style="font-family: 'ek mukta', serif; font-size: 32px; line-height: 18px; text-align: justify;">
<span style="font-size: small;"><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">ज्ञात हो कि रेल मंत्रालय के इस भारत दर्शन </span>संकुल<span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> के तहत </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">गाड़ी</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> 7 ज्योतिर्लिगों की यात्रा करवाएगी, अब अगली </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">गाड़ी</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> 23 मई को चंडीगढ़ से प्रस्थान होगी। ये </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">गाड़ी</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> चंडीगढ़ से दिल्ली पहुंचेगी, फिर उज्जैन (महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर), द्वारका, सोमनाथ औरागाबाद और नासिक की यात्रा कराएगी। </span></span></div>
<div style="font-family: 'ek mukta', serif; font-size: 32px; line-height: 18px; text-align: justify;">
<span style="font-size: small;"><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">इतना ही नहीं, ये </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">गाड़ी</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> दक्षिण सहित कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों की यात्रा करवाएगी। दक्षिण के धार्मिक स्थलों के लिए </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">गाड़ी</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> चंड़ीगढ़ से 27 जून को चलेगी, ये </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">गाड़ी</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> दिल्ली होते हुए शिरडी, तिरुपति, कांचीपुरम, रामेश्वरम, मदुरै, कन्याकुमारी, मैसूर और बंगलोर की यात्रा कराएगी। बताया जा रहा है कि इस </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">गाड़ी</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> में प्रशिक्षित पर्यटन प्रबंधक भी अपनी सेवाएं देंगे, ताकि पर्यटकों को कोई असुविधा न हो। </span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;">गाड़ी</span><span style="font-family: "georgia" , serif; line-height: 27px;"> में अभी 10 डिब्बे ही है। </span></span></div>
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक<br />
http://paryatandharohardarpan.blogspot.in/2016/05/830.html<br />
<br /></div>
Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-71511569080775217652016-04-14T13:00:00.000-07:002016-04-14T13:04:22.632-07:00कल रामनवमी है। अर्थात प्रभु श्री राम का जन्म। कुछ दुर्लभ संयोग <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div style="color: #282828; font-family: 'open sans', sans-serif; font-size: 16px; line-height: 28.8px; text-align: justify;">
<span style="background-color: white; color: #222222; font-family: "karla" , sans-serif; line-height: 28px;"><b>कल रामनवमी है। अर्थात प्रभु श्री राम का जन्म। कुछ </b></span><span style="background-color: white; color: #464646; font-family: "roboto condensed" , sans-serif; line-height: 26px;"><b>दुर्लभ संयोग </b></span></div>
<div style="color: #222222; font-family: karla, sans-serif; font-size: 16px; line-height: 24px; text-align: justify;">
<span style="background-color: white; line-height: 28px;">इस शुभ दिन आइए एक शुभ व्रत लें। </span><span style="background-color: white; line-height: 28px;">देवी महागौरी</span><span style="background-color: white; line-height: 28px;"> </span><span style="background-color: white; line-height: 28px;">जयघोष से </span><span style="background-color: white; line-height: 28px;">आठवां</span><span style="background-color: white; line-height: 28px;"> </span><span style="background-color: white; line-height: 28px;">नवरात्र संपन्न हुआ, आठ दिवसीय पर्व के </span><span style="background-color: white; line-height: 28px;">नवरात्र</span><span style="background-color: white; line-height: 28px;"> व्रत </span><span style="background-color: white; line-height: 28px;">की व्यस्तता से निकल कर, अब </span><span style="background-color: white; color: black; font-family: "times new roman"; font-size: small; line-height: normal;">नकारात्मक</span><span style="background-color: white; color: black; font-family: "times new roman"; font-size: small; line-height: normal;"> तत्वों से रक्षा </span><span style="background-color: white; line-height: 28px;">सामाजिक संकल्प का व्रत लें। </span></div>
<div style="background-color: white; box-sizing: border-box; color: #464646; font-family: 'Roboto Condensed', sans-serif; font-size: 16px; line-height: 26px; margin-bottom: 10px; padding-bottom: 6px;">
चैत्र नवरात्र के नौवें दिन, देश के कई भागों में रामनवमी पर भगवान श्रीराम जन्मोत्सव का त्योहार बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। हिंदू धर्म में तो श्रीरामनवमी का एक विशेष महत्व है। भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव तो वैसे ही अति शुभ समय होता है, किन्तु बार इस शुभ दिन कुछ और दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। यह विशेष योग जो शुभ तत्व को कई गुना वृद्धि प्रदान वाले हैं। </div>
<div style="background-color: white; box-sizing: border-box; color: #464646; font-family: 'Roboto Condensed', sans-serif; font-size: 16px; line-height: 26px; margin-bottom: 10px; padding-bottom: 6px;">
<a href="http://sth.india.com/hindi/sites/default/files/2016/04/14/109388-lordram77.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjmMrweiiyIY-7XHTwUn7kfrrM5P-AjuWMAHd-J5Om5oEfzkoXEu91jUaww4cGZjxmBky3RMxTQxR3blW715Le60FdWOz8V5PcZHY4m9EhfUYHx2NPbvkYn0SmwspRLoDjMAAb-OUcO6YDG/s320/untitled1.jpg" /></a>रामनवमी इसबार 15 अप्रैल को है। इस बार रामनवमी पर उच्च का सूर्य, बुध के साथ मिलकर बुधादित्य योग बना रहा है। ये अति विशेष मुहूर्त है। साथ ही पुष्य नक्षत्र भी है। अर्थात पुष्य नक्षत्र के साथ-साथ बुधादित्य योग का विशेष संयोग भी बन रहा है। इतना विशेष योग भी कई वर्षों बाद बन रहा है। चैत्र और शारदीय नवरात्र के नौवें दिन नवमी को दोनों ही बार धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन पूजा-पाठ, दान-पुण्य का अधिक महत्व होता है। नवरात्र में कई लोग व्रतादि रखते हैं और विशेषकर चैत्र में रामनवमी के दिन श्रद्धालु पूजा-पाठ के उपरांत इसे तोड़ते हैं। </div>
<div style="background-color: white; box-sizing: border-box; color: #464646; font-family: 'Roboto Condensed', sans-serif; font-size: 16px; line-height: 26px; margin-bottom: 10px; padding-bottom: 6px;">
रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करने से विशेष पुण्य मिलता है। इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इसीलिए इस दिन पूरे समय पवित्र मुहूर्त होता है। इस दिन नए घर, दुकान या प्रतिष्ठान में प्रवेश किया जा सकता है। किसी भी प्रकार का क्रय, गृहप्रवेश और शुभ कार्यों के लिए यह विशेष संयोग लाभकारी माना गया है। </div>
<div style="background-color: white; box-sizing: border-box; color: #464646; font-family: 'Roboto Condensed', sans-serif; font-size: 16px; line-height: 26px; margin-bottom: 10px; padding-bottom: 6px;">
राम नवमी के दिन उपवास के पश्चात भक्तों को भगवान श्रीराम जी की पूजा-अर्चना करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और दान देना चाहिए। भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना करने से कृपा बनी रहेगी और घर में धन-समृद्धि की वृद्धि भी होगी। </div>
<div style="color: #464646; font-family: 'roboto condensed', sans-serif; font-size: 16px; line-height: 26px;">
<span style="color: black; font-family: "times new roman"; font-size: small; line-height: normal;">नकारात्मक भांड मीडिया जो असामाजिक तत्वों का महिमामंडन करे, </span></div>
<div style="color: #464646; font-family: 'roboto condensed', sans-serif; font-size: 16px; line-height: 26px;">
<span style="color: black; font-family: "times new roman"; font-size: small; line-height: normal;">उसका सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प, </span><span style="color: black; font-family: "times new roman"; font-size: small; line-height: normal;">ले कर करे; </span></div>
<div style="color: #464646; font-family: 'roboto condensed', sans-serif; font-size: 16px; line-height: 26px;">
<span style="color: black; font-family: "times new roman"; font-size: small; line-height: normal;">प्रेरक राष्ट्र नायको का यशगान -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS - तिलक संपादक </span></div>
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक<br />
http://samaajdarpan.blogspot.in/2016/04/blog-post_14.html</div>
Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-83398352225789161902016-03-28T05:47:00.001-07:002016-03-28T05:47:34.885-07:00विक्षिप्त क्यों? भारत, मोदी तथा हिंदुत्व के विरोधी <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<b>विक्षिप्त क्यों? भारत, मोदी तथा हिंदुत्व के विरोधी </b><br />
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये।<br />
अपनी धर्म संस्कृति को जीवन शैली का आधार बनायें, भारत को एक बार पुनः विश्व गुरु बनायें। - तिलक<br />
<a href="https://encrypted-tbn2.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcSrkVbMTrbd0hFoszsdtQ8DUbpEgbQGlfj8ciwFj-02viN6OjjRi0ZnMFEr" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="285" src="https://encrypted-tbn2.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcSrkVbMTrbd0hFoszsdtQ8DUbpEgbQGlfj8ciwFj-02viN6OjjRi0ZnMFEr" width="320" /></a>शिवलिंग, वर्षप्रतिपदा तथा अन्य सभी भारतीय मान्यताओं का वैज्ञानिक आधार जानिए। रेडियोधर्मिता का किसी शिवलिंग, ज्योतिर्लिंग से सम्बन्ध जानिए। नालंदा तक्षशिला की शिक्षा जानिए। तब समझमें आएगा, भारत वास्तव में विश्व गुरु था, हिंदू व उसमे विश्व गुरु के, वे तत्व विध्यमान होने से, क्यों बौखलाते हैं भारत के शत्रु ? तथा भारत में नई सत्ता से भारत के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया, क्यों उन्हें विक्षिप्त बना रही है।<br />
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा तो कि शिवलिंग ब्रह्माण्ड का प्रतिनिधी, रेडियोधर्मिता का प्राकृतिक केंद्र व प्रतीक माना जाता है। इतना ही नहीं, सक्रिय रेडियोधर्मिता सभी ज्योतिर्लिंग की विशेषता है। अर्थात सम्पूर्ण वैज्ञानिक शक्तिपुंज की आराधना। यह प्रमाण है, युगों पूर्व भारत के वैज्ञानिक चरम का।<br />
किन्तु शर्मनिरपेक्ष दलों व उनके दल्लों, शर्मनिरपेक्ष भांड मीडिया ने उसके प्रति नकारात्मक भाव भरना ही है।<br />
उसी नकारात्मक शर्मनिरपेक्ष भांड मीडिया का सकारात्मक विकल्प, विविध विषयों के 30 ब्लॉग YDMS<br />
www.yugdarpan.simplesite.com</div>
Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-13271163164222575442016-02-08T14:34:00.001-08:002016-02-08T14:34:09.793-08:00अब आध्यात्मिक संदेश विस्तार भी: अमित शाह <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<span style="background-color: white; font-family: "hind";"><span id="lblHd" style="font-family: Hind; font-weight: bold;">अब आध्यात्मिक संदेश </span></span><span style="background-color: white; font-family: Hind; font-weight: bold;">विस्तार </span><span style="font-family: Hind; font-weight: bold;">भी: अमित शाह</span><span style="font-family: Hind;"> </span><br />
<span style="background-color: white; font-family: "hind";"><span style="font-size: x-small;"><span style="font-family: Hind;">(</span><span id="lblPlace" style="font-family: Hind;">वृंदावन</span><span style="font-family: Hind;"> )</span></span></span><br />
<div align="justify">
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बताया कि नरेन्द्र मोदी नीत केंद्र सरकार मात्र देश का भौतिक विकास ही नहीं करेगी, अपितु भारत के आध्यात्मिक संदेश को भी विश्व में फैलाएगी। शाह ने यहां शांति सेवाधाम द्वारा स्थापित प्रिया कांतजू मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर कहा, ‘‘देश की राजनीति <span style="text-align: left;">वर्षों से मिथक के रास्ते पर चलकर ऐसी हो गयी थी कि धर्म से अंतर पैदा गया था, किन्तु </span><span style="text-align: left;">मोदीजी ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पद के लिए नामित होने के बाद काशी जाकर गंगा आरती की।’’ </span></div>
<div align="justify">
उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार देश को ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो गंगा को निर्मल, अविरल बनाने की चाह रखता है। सरकार ने देश की संस्कृति और सनातन धर्म के चिह्नों को संरक्षित करने की पहल की है।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र में योग का महत्व समझाकर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा, जिसे विश्व के 170 देशों ने स्वीकार किया। शाह ने आगे कहा कि विश्व भर में अलग अलग प्रकार से जीवन बिताने के रास्ते जब रूक जाते हैं, तब विश्व भर की दृष्टि सनातन धर्म और संस्कृति पर टिकती है। उन्होंने गीता के सार को आत्मसात करने की बात कहते हुए कहा, ‘‘इस बृजभूमि ने ऐसे व्यक्ति को जन्म दिया जिसने विश्व को गीता दी। श्रीकृष्ण के जीवन को समझकर उसके सार को ग्रहण करें, तो कोई संकट नहीं आएगा।’’</div>
<div align="justify">
शाह ने कहा, ‘‘मैं दिल्ली में रहता हूं किन्तु मूलत: गुजरात से हूं। गुजरात और वृंदावन के बीच कभी ना टूटने वाला नाता श्रीकृष्ण ने बनाया है और इससे मुझे सदा यहां आकर काम करने की प्रेरणा मिलती है।’’ इस अवसर पर विश्व शांति धर्मार्थ न्यास के अध्यक्ष देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने उनसे वृदांवन में यमुना को लाने, देश में गोहत्या पर रोक लगाने और अंग्रेजी माध्यम में स्कूलों की संस्कृति बंद करने की मांग की।</div>
<span style="background-color: white; font-family: "hind";"><span id="lblBody" style="font-family: Hind; font-size: 14pt; text-align: justify;"></span></span><br />
इस पर भाजपा अध्यक्ष ने प्रत्यक्ष उत्तर ना देते हुए कहा, ‘‘जो आपकी भावना है, वही मेरी भी है। भाजपा सरकारें इसी रास्ते पर चली हैं और चलती रहेंगी। जनता का जितना आशीर्वाद मिलेगा, गति उतनी ही तेज होगी।’’ इस अवसर पर कबीना मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा, ‘‘आज पूरा विश्व भौतिकी की ओर अग्रसर है और मानवता को शांति के पथ पर मात्र हिन्दू संस्कृति और सनातन धर्म ले जा सकते हैं।’’ समारोह में हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, मध्य प्रदेश की कबीना मंत्री माया सिंह, छत्तीसगढ़ के कबीना मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, मथुरा की सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी, भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार उपस्थित थे।<br />
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;<br />
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक</div>
Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-28671449203632549452016-01-19T09:16:00.000-08:002016-01-19T09:29:55.401-08:00महाराणा प्रताप 'वीरयोद्धा और स्वाभिमानी' नायक<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
महाराणा प्रताप 'वीरयोद्धा और स्वाभिमानी' नायक<br />
<b>स्वतंत्रता के प्रति दृढ़ संकल्पवान वीर शासक एवं महान देशभक्त महाराणा प्रताप का नाम, इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से अंकित है।</b> महाराणा प्रताप युग के महान व्यक्ति थे। ज्येष्ठ शुक्ल तीज सम्वत् (9 मई )1540 को मेवाड़ के राजा उदय सिंह के घर जन्मे ज्येष्ठ पुत्र, महाराणा प्रताप को बचपन से ही अच्छे संस्कार, अस्त्र-शस्त्रों का ज्ञान और धर्म की रक्षा की प्रेरणा अपने माता-पिता से मिली।<br />
<br />
<a href="http://bharatdiscovery.org/bharatkosh/w/images/3/3d/Maharana-Pratap-Stamp.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="http://bharatdiscovery.org/bharatkosh/w/images/3/3d/Maharana-Pratap-Stamp.jpg" /></a> सादा जीवन और दयालु स्वभाव वाले महाराणा प्रताप की वीरता और स्वाभिमान तथा देशभक्ति की भावना से, अकबर भी बहुत प्रभावित हुआ था। जब मेवाङ की सत्ता राणा प्रताप ने संभाली, तब आधा मेवाड़ मुगलों के अधीन था और शेष मेवाड़ पर अपना आधिपत्य स्थापित करने के लिये अकबर प्रयासरत था। राजस्थान के कई परिवार अकबर की शक्ति के आगे घुटने टेक चुके थे, किन्तु महाराणा प्रताप अपने वंश को चलाये रखने के लिये संघर्ष करते रहे और अकबर के सामने आत्मसर्मपण नहीं किया। जंगल-जंगल भटकते हुए भी, उन्होंने कभी धैर्य नहीं खोया, पैसे के अभाव में सेना के टूटते हुए मनोबल को पुनर्जीवित करने के लिए दानवीर भामाशाह ने अपना पूरा कोष समर्पित कर दिया। तो भी, महाराणा प्रताप ने कहा कि सैन्य आवश्यकताओं के अतिरिक्त मुझे आपके कोष की एक पाई भी नहीं चाहिये। अकबर के अनुसार महाराणा प्रताप के पास साधन सीमित थे, किन्तु फिर भी वो झुका नहीं, डरा नहीं।<br />
<br />
महाराणा प्रताप का हल्दीघाटी के युद्ध के बाद का समय पहाड़ों और जंगलों में व्यतीत हुआ। अपनी पर्वतीय युद्ध नीति के द्वारा उन्होंने अकबर को कई बार पराजय दी। यद्यपि जंगलों और पहाड़ों में रहते हुए महाराणा प्रताप को अनेक प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ा, किन्तु उन्होने अपने आदर्शों को नहीं छोड़ा। महाराणा प्रताप के सुदृढ़ संकल्पों ने अकबर के सेनानायकों के सभी प्रयासों को असफल बना दिया। उनके धैर्य और साहस का ही प्रतिफल था कि 30 वर्ष के निरंतर प्रयास के बाद भी अकबर महाराणा प्रताप को बन्दी न बना सका। महाराणा प्रताप का सबसे प्रिय घोड़ा <b>‘चेतक‘</b> था, जिसने अंतिम सांस तक अपने स्वामी का साथ दिया था।<br />
<br />
<a href="http://bharatdiscovery.org/bharatkosh/w/images/thumb/4/4b/Haldighati-Udaipur.jpg/300px-Haldighati-Udaipur.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="http://bharatdiscovery.org/bharatkosh/w/images/thumb/4/4b/Haldighati-Udaipur.jpg/300px-Haldighati-Udaipur.jpg" /></a> हल्दीघाटी के युद्ध में उन्हें भले ही पराजय का सामना करना पड़ा, किन्तु हल्दीघाटी के बाद अपनी शक्ति को संगठित करके शत्रु को पुनः चुनौती देना, प्रताप की युद्ध नीति का एक अंग था। महाराणा प्रताप ने भीलों की शक्ति को पहचान कर उनके अचानक धावा बोलने की प्रक्रिया को समझा और उनकी छापामार युद्ध पद्धति से अनेक बार मुगल सेना को कठिनाइयों में डाला था। महाराणा प्रताप ने अपनी स्वतंत्रता का संघर्ष जीवनपर्यन्त जारी रखा। अपने शौर्य, उदारता तथा सदगुणों से जनसमुदाय में लोकप्रिय थे। महाराणा प्रताप सच्चे क्षत्रिय योद्धा थे, उन्होने अमरसिंह द्वारा पकड़ी गई बेगमों को सम्मान पूर्वक वापस भिजवाकर अपने विशाल ह्रदय का परिचय दिया था।<br />
<br />
<b>हल्दीघाटी के युद्ध में पराजय अपनी शक्ति और कौशल में कमी के कारण नहीं, अपितु राजा मानसिंह, भाई <span style="background-color: white; color: #545454; font-family: "arial" , sans-serif; line-height: 18.2px;">शक्ति सिंह </span><span style="background-color: white; color: #6a6a6a; font-family: "arial" , sans-serif; line-height: 18.2px;">का</span><span style="background-color: white; color: #545454; font-family: "arial" , sans-serif; line-height: 18.2px;"> अहम </span>और दुष्ट, ईर्ष्यालु भाई जगमाल की सत्तालोलुप महत्वाकांक्षा के कारण अकबर का साथ देने से हुई। </b><br />
महाराणा प्रताप में अच्छे सेनानायक के गुणों के साथ-साथ अच्छे व्यवस्थापक की विशेषताएँ भी थी। अकबर की उच्च महत्वाकांक्षा, शासन निपुणता और असीम साधनों के बाद भी महाराणा प्रताप की अदम्य वीरता, साहस और उज्ज्वल कीर्ति को परास्त न कर सकी। अंतत: शिकार के समय लगी चोटों के कारण महारणा प्रताप की मृत्यु 19 जनवरी 1597 को चावंड में हुई।<br />
<b>राष्ट्रद्रोहियों को परास्त करना ही, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। जिससे हल्दी घाटी हमें फिर घाव न दे सके। भारत के शत्रुओं को दण्डित करने से हम सशक्त होंगे, वे क्षमा योग्य नहीं, न यह मानवता वाद। </b><br />
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,<br />
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक<br />
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;<br />
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक<br />
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Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-44726315335498383292016-01-12T03:25:00.001-08:002016-01-12T03:43:56.224-08:00ज्ञानपुंज, स्वामी विवेकनन्द जी, <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<b>ज्ञानपुंज, स्वामी विवेकनन्द जी, </b><br />
<span style="background-color: #4a4a4a; color: white; font-family: Hind, sans-serif; font-size: 18px;"> व्यक्तित्व </span><br />
उठो जागो और तब तक आगे बढ़ते रहो, जब तक भारत पुन: विश्व गुरु के आसान पर आरूढ़ न हो जाये। शिकागो विश्व धर्म संसद में, अपने दिव्य ओजस्वी भाषण से चकित कर परतंत्र भारत को विश्व में सम्मान दिलाने वाले, स्वामी विवेकनन्द जी, सरस्वती जिनकी जिह्वा पर विराजती थी। जन्म 13 जनवरी, 1863, तथा कम आयु में ही चमत्कारिक ज्ञान से विश्व को प्रकाशमय कर देनेवाले (नरेंद्र ) स्वामीजी की वर्षगांठ पर हमारी कोटि कोटि शुभकामनायें व बधाई। आइये, इनका अनुसरण कर जीवन को तमस मुक्त, प्रकाशयुक्त करने का संकल्प लें।<br />
<div class="art_hd" style="font-family: Hind, sans-serif; font-weight: bold;">
<a class="art_lnk" href="http://www.prabhasakshi.com/ShowArticle.aspx?ArticleId=160112-125347-480010" style="color: black; text-decoration: none;" target="_parent">आज भी युवाओं के आदर्श हैं स्वामी विवेकानंद</a> </div>
<div class="art_bl" style="font-family: Hind, sans-serif; margin-bottom: 10px; margin-top: 20px; text-align: justify;">
<div align="justify" style="background-color: white; font-family: Hind;">
<a href="http://www.prabhasakshi.com/Content/2016/01/12/Pics/swami_vivekananda_1_b.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img align="left" border="0" src="http://www.prabhasakshi.com/Content/2016/01/12/Pics/swami_vivekananda_1_b.jpg" height="320" hspace="5" vspace="5" width="222" /></a>युवाओं के शक्तिपुंज और आदर्श तथा प्रेरक संत स्वामी विवेकानंद का जन्म कलकत्ता के दत्त परिवार में 12 जनवरी 1863 ईसवीं को हुआ था। स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्र नाथ था। स्वामी विवेकानंद के पिता विश्वनाथ दत्त कई गुणों से विभूषित थे। वे अंग्रेजी एवं फारसी भाषाओं में दक्ष थे। बाइबल उनका रूचि का ग्रंथ था। स्वामी जी के पिता संगीतप्रेमी भी थे। अतः पिता विश्वनाथ की इच्छा थी कि उनका पुत्र नरेंद्रनाथ भी संगीत की शिक्षा ग्रहण करें। स्वामी विवेकानंद की माता बहुत ही गरिमायी व धार्मिक रीति-संस्कृति वाली महिला थीं। उन्हें गरिमा किसी राजवंश की जैसी थी। ऐसे सह्दय परिवार में स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ और फिर उन्होंने सारे विश्व को हिलाकर रख दिया तथा भारत के लिए महिला और गरिमा से भरे एक नये युग का सूत्रपात किया।</div>
<div align="justify" style="background-color: white; font-family: Hind;">
यह बालक नरेंद्र नाथ बचपन में ही बहुत अधिक शरारती थे किन्तु इनमे अशुभ लक्षण नहीं दिखलायी पढ़ रहे थे। सत्यवादिता उनके जीवन का मेरूदंड थी। वे दिन में खेलों में मगन रहते थे और रात्रि में ध्यान लगाने लग गये थे। ध्यान के समय उन्हें अदृभुत दर्शन प्राप्त होने लग गये। समय के साथ उनमें और परिवर्तन दिखलायी पड़ने लगे। वे अब बौद्धिक कार्यों को प्राथमिकता देने लगे। पुस्तकों का गहन अध्ययन करने लग गये थे। सार्वजनिक भाषणों में भी उपस्थित रहने लगे तथा बाद में, उन भाषणों की समीक्षा करने लगे, वे जो भी सुनते थे उसे वे अपने मित्रों के बीच शब्दश: वैसा ही सुनाकर सबको आश्चर्यचकित कर देते थे। उनकी पढ़ने की गति भी बहुत तीव्र थी तथा वे जो भी पढ़ाई करते उन्हें अक्षरशः याद हो जाया करता था। पिता विश्वनाथ ने अपने पुत्र की विद्वता को अपनी ओर खींचने का प्रयास प्रारंभ किया। वे उसके साथ घंटों ऐसे विषयों पर चर्चा करते, जिनमें विचारों की गहराई, सूक्ष्मता और स्वस्थता होती।</div>
<div align="justify" style="background-color: white; font-family: Hind;">
बालक नरेंद्र ने ज्ञान के क्षेत्र में बहुत अधिक उन्नति कर ली थी। उन्होंने तत्कालीन एंट्रेस की कक्षा तक पढ़ाई के मध्य ही अंग्रेजी और बांग्ला साहित्य के सभी ग्रंथों का अध्ययन कर लिया था। उन्होंने सम्पूर्ण भारतीय इतिहास व हिंदू धर्म का भी गहन अध्ययन कर लिया था। कालेज की पढ़ाई के बीच सभी शिक्षक उनकी विद्वता को देखकर आश्चर्यचकित हो गये थे। अपने कालेज जीवन के प्रथम दो वर्षों में ही पाश्चात्य तर्कशास्त्र के सभी ग्रंथों का गहन अध्ययन कर लिया था। इन सबके बीच नरेंद्र का दूसरा पक्ष भी था। उनमें आमोद-प्रमोद करने की कला थी, वे सामाजिक वर्गों के प्राण थे। वे मधुर संगीतकार भी थे। सभी के साथ मधुर व्यवहार करते थे। उनके बिना कोई भी आयोजन पूरा नहीं होता था। उनके मन में सत्य को जानने की तीव्र आकांक्षा पनप रही थी। वे सभी सम्प्रदायों के नेताओं के पास गये किन्तु कोई भी उन्हें संतुष्ट नहीं कर सका।</div>
<div align="justify" style="background-color: white; font-family: Hind;">
1881 में नरेंद्र नाथ पहली बार रामकृष्ण परमहंस के सम्पर्क में आये। रामकृष्ण परमहंस मन में ही नरेंद्र को अपना मनोवांछित शिष्य मान चुके थे। प्रारंभ में वे परमहंस की ईश्वरवादी पुरुष के रूप में मानने को तैयार न थे। पर धीरे-धीरे विश्वास जमता गया। रामकृष्ण जी समझ गये थे कि नरेंद्र में एक विशुद्ध चित साधक की आत्मा निवास कर रही है। अतः उन्होंने उस युवक पर अपने प्रेम की वर्षा करके, उन्हें उच्चतम आध्यात्मिक अनुभूति के पथ में परिचालित कर दिया। 1884 में बीए की परीक्षा के मध्य ही उनके परिवार पर संकट आया जिसमें उनके पिता का देहावसान हो गया। 1885 में ही रामकृष्ण को गले का कैंसर हुआ जिसके बाद रामकृष्ण ने उन्हें संन्यास की दीक्षा दी तथा उसके बाद ही उनका नाम स्वामी विवेकानंद हो गया। 1886 में स्वामी रामकृष्ण ने महासमाधि ली। वे स्वामी विवेकानंद को ही अपना उत्तराधिकारी घोषित कर गये। 1888 के पहले भाग में स्वामी विवेकानंद मठ से बाहर निकले और तीर्थाटन के लिए निकल पड़े। काशी में उन्होंने तैलंगस्वामी था भास्करानंद जी के दर्शन किये। वे सभी तीर्थों का भ्रमण करते हुए गोखरपुर पहुचें। यात्रा में उन्होंने अनुभव किया जनसामान्य में धर्म के प्रति अनुराग में कमी नहीं है। गोरखपुर में स्वामी जी को पवहारी बाबा का सान्निध्य प्राप्त हुआ। फिर वे सभी तीर्थो, नगरों आदि का भ्रमण करते हुए कन्याकुमारी पहुंचे। यहां श्री मंदिर के पास ध्यान लगाने के बाद उन्होंने भारतमाता के भावरूप में दर्शन हुए और उसी दिन सें उन्होंने भारतमाता के गौरव को स्थापित करने का निर्णय लिया। </div>
<div align="justify" style="background-color: white; font-family: Hind;">
स्वामी जी ने 11 सितम्बर 1893 को अमेरिका के शिकागों में आयोजित धर्मसभा में हिेदुत्व की महानता को प्रतिस्थापित करके पूरे विश्व को चौंका दिया। उनके व्याख्यानों को सुनकर, पूरा अमेरिका ही उनकी प्रशंसा से मुखरित हो उठा। न्यूयार्क में उन्होंने ज्ञानयोग व राजयोग पर कई व्याख्यान दिये। उनसे प्रभावित होकर हजारों अमेरिकी उनके शिष्य बन गये। उनके लोकप्रिय शिष्यों में भगिनी निवेदिता का नाम भी शामिल है। स्वामी जी ने विदेशों में हिंदू धर्म की पताका फहराने के बाद भारत वापस लौटे। स्वामी विवेकानंद हमें अपनी आध्यात्मिक शक्ति के प्रति विश्वास करने के लिए प्रेरित करते हैं। वे राष्ट्र निर्माण से पहले मनुष्य निर्माण पर बल देते थे। अतः देश की वर्तमान राजनैतिक एवं सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए, देश के युवावर्ग को स्वामी विवेकानंद के विषय एवं उनके साहित्य का गहन अध्ययन करना चाहिये। युवा पीढ़ी स्वामी विवेकानंद के विचारों से अवश्य ही लाभान्वित होगी। </div>
<div align="justify" style="background-color: white; font-family: Hind;">
स्वामी विवेकानंद युवाओं को वीर बनने की प्रेरणा देते थे। युवाओं को संदेश देते थे कि बल ही जीवन हैं और दुर्बलता मृत्यु। स्वामी जी ने अपना संदेश युवकों के लिए प्रदान किया है। युवावर्ग स्वामी जी के वचनों का अध्ययन कर उनकी उद्देश्य के प्रति निष्ठा, निर्भीकता एवं दीन-दुखियों के प्रति गहन प्रेम और चिंता से अत्यंत प्रभावित हुआ है। युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद के अतिरिक्त अन्य कोई अच्छे मित्र, दार्शनिक एवं मार्गदर्शक नहीं हो सकता है। नवीन भारत के निर्माताओं में स्वामी विवेकानंद का स्थान सर्वोपरि हैं। ऐसे महानायक स्वामी विवेकानंद ने 4 जुलाई 1902 को अपने जीवन का त्याग किया।<br />
<span style="color: #333333; font-family: 'lucida grande', tahoma, verdana, arial, sans-serif; font-size: 11px; line-height: 14px; text-align: left;">13 जन, 2013 से 2014 जन्म शतार्द्ध (150 वीं ) वर्षगांठ संपन्न हुई। </span><br />
<h5 class="uiStreamMessage userContentWrapper" data-ft="{"type":1,"tn":"K"}" style="background-color: white; font-family: 'lucida grande', tahoma, verdana, arial, sans-serif; line-height: 14px; margin: 0px 0px 5px; padding: 0px; word-break: break-word; word-wrap: break-word;">
<span style="font-size: small;"><span class="messageBody" style="color: #333333; line-height: 1.38;"><span style="background-color: #edeff4; line-height: 14px;">आप सभी </span></span><span style="background-color: #edeff4; color: #333333; line-height: 14px;">को</span><span style="background-color: #edeff4; color: #333333; line-height: 14px;"> </span><span style="background-color: #edeff4; color: #333333; line-height: 14px;">लोहड़ी तथा मकर संक्रांति पर्व की सपरिवार बहुत बहुत बधाई।</span></span></h5>
<div style="font-family: 'Times New Roman'; text-align: left;">
इतिहास को सही दृष्टी से परखें। गौरव जगाएं, भूलें सुधारें।</div>
<div style="font-family: 'Times New Roman'; text-align: left;">
आइये, आप ओर हम मिलकर इस दिशा में आगे बढेंगे, देश बड़ेगा। तिलक YDMS</div>
<h5 class="uiStreamMessage userContentWrapper" data-ft="{"type":1,"tn":"K"}" style="background-color: white; font-family: 'lucida grande', tahoma, verdana, arial, sans-serif; font-size: 11px; font-weight: normal; line-height: 14px; margin: 0px 0px 5px; padding: 0px; word-break: break-word; word-wrap: break-word;">
<span class="messageBody" style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;">जीवन ठिठोली नहीं, जीने का नाम है | </span><span style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;">जीने</span><span style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;"> अथवा </span><span class="messageBody" style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;">आगे बढ़ने का मार्ग मिलेगा, जब </span><span style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;">(भारत व इंडिया में अंतर)</span><span style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;"> समझेंगे। </span></h5>
<h5 class="uiStreamMessage userContentWrapper" data-ft="{"type":1,"tn":"K"}" style="background-color: white; font-family: 'lucida grande', tahoma, verdana, arial, sans-serif; font-size: 11px; font-weight: normal; line-height: 14px; margin: 0px 0px 5px; padding: 0px; word-break: break-word; word-wrap: break-word;">
<span style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;"></span></h5>
<h5 class="uiStreamMessage userContentWrapper" data-ft="{"type":1,"tn":"K"}" style="background-color: white; font-family: 'lucida grande', tahoma, verdana, arial, sans-serif; font-size: 11px; font-weight: normal; line-height: 14px; margin: 0px 0px 5px; padding: 0px; word-break: break-word; word-wrap: break-word;">
<span class="messageBody" style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;">मेरा भारत, मैं भारत का (Not India)<br />यह सम्बन्ध बनता है, देश व समाज की जड़ों से जुड़कर।</span></h5>
<h5 class="uiStreamMessage userContentWrapper" data-ft="{"type":1,"tn":"K"}" style="background-color: white; font-family: 'lucida grande', tahoma, verdana, arial, sans-serif; font-size: 11px; font-weight: normal; line-height: 14px; margin: 0px 0px 5px; padding: 0px; word-break: break-word; word-wrap: break-word;">
<span class="messageBody" style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;">क्या आप भी स्वयं को देश की जड़ों से जुड़ा पाते हैं ? तो आपका यहाँ स्वागत है !</span></h5>
<h5 class="uiStreamMessage userContentWrapper" data-ft="{"type":1,"tn":"K"}" style="background-color: white; font-family: 'lucida grande', tahoma, verdana, arial, sans-serif; font-size: 11px; font-weight: normal; line-height: 14px; margin: 0px 0px 5px; padding: 0px; word-break: break-word; word-wrap: break-word;">
<span class="messageBody" style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;"><a href="https://www.facebook.com/groups/189817947851269/">https://www.facebook.com/groups/189817947851269/</a><br />(भारत व इंडिया में अंतर क्या है, जाने ?) </span></h5>
<div style="font-family: 'Times New Roman'; text-align: left;">
<span class="messageBody" style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;">अधिक जानकारी के लिए यहाँ समूह बटन दबाएँ -</span></div>
<div style="font-family: 'Times New Roman'; text-align: left;">
<h3 class="post-title entry-title" itemprop="name" style="color: #222222; font-family: Arial, Tahoma, Helvetica, FreeSans, sans-serif; margin: 0.75em 0px 0px; position: relative;">
<span class="messageBody" style="color: #333333; font-size: small; line-height: 1.38;"><a href="http://bharatvarshasyaitihas.blogspot.in/2014/01/not-india.html" style="color: #888888; text-decoration: none;">मेरा भारत, मैं भारत का (Not India)</a></span></h3>
<h2 class="date-header" style="font-family: Arial, Tahoma, Helvetica, FreeSans, sans-serif; font-size: 11px; margin: 0px 0px 1em; min-height: 0px; position: relative; text-transform: uppercase;">
<span class="messageBody" style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;"><span style="background-color: transparent; color: #222222; letter-spacing: inherit; margin: inherit; padding: inherit;">गुरुवार, 9 जनवरी 2014</span></span></h2>
<div style="color: #19232b; font-family: arial; line-height: 18px; margin: 0px; padding: 0px;">
<span class="messageBody" style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;"><span style="color: black; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 20px; line-height: 25px;"><span style="font-size: 14px;"><b>नकारात्मक </b></span></span><span style="color: #141823; font-family: 'Helvetica Neue', Helvetica, Arial, 'lucida grande', tahoma, verdana, arial, sans-serif; font-size: 14px; font-weight: bold; line-height: 18.5938px; text-indent: 2px; white-space: nowrap;">बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, तब </span><span style="color: #141823; font-family: 'Helvetica Neue', Helvetica, Arial, 'lucida grande', tahoma, verdana, arial, sans-serif; font-size: 14px; font-weight: bold; line-height: 18.5938px; text-indent: 2px; white-space: nowrap;">जो 40 पृष्ठ में न मिल सके वो 4से 6 पृष्ठ में </span><span style="color: #141823; font-family: 'Helvetica Neue', Helvetica, Arial, 'lucida grande', tahoma, verdana, arial, sans-serif; font-size: 14px; font-weight: bold; line-height: 18.5938px; text-indent: 2px; white-space: nowrap;">पायें </span><span style="color: #141823; font-family: 'Helvetica Neue', Helvetica, Arial, 'lucida grande', tahoma, verdana, arial, sans-serif; font-size: 14px; font-weight: bold; line-height: 18.5938px; text-indent: 2px; white-space: nowrap;">- </span></span></div>
<span class="messageBody" style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;"></span><br />
<div style="color: #19232b; font-family: arial; line-height: 18px; margin: 0px; padding: 0px;">
<span class="messageBody" style="color: #333333; font-size: 13px; line-height: 1.38;"><span style="color: black; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 20px; line-height: 25px;"><span style="font-size: 14px;"><b>नकारात्मक </b></span></span><span style="color: #141823; font-family: 'Helvetica Neue', Helvetica, Arial, 'lucida grande', tahoma, verdana, arial, sans-serif; font-size: 14px; font-weight: bold; line-height: 18.5938px; text-indent: 2px; white-space: nowrap;">बिकाऊ मीडिया का सकारात्मक राष्ट्रवादी विकल्प युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. </span></span></div>
</div>
<div style="font-family: 'Times New Roman'; text-align: left;">
<span style="color: #333333; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 14px;"><b>2001 से युगदर्पण समाचारपत्र द्वारा सार्थक पत्रकारिता और 2010 से </b></span><b style="color: #333333; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 17px;"><span style="font-size: 14px;">हिंदी ब्लॉग</span><span style="font-size: 14px;"> जगत में </span></b><span style="color: #333333; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 14px;"><b>विविध विषयों के 28 ब्लॉग के माध्यम व्यापक अभियान चला कर 3 वर्ष में 60 अब 70+ देशों में पहचान बनाई है।</b> <b>तथा </b></span><span style="color: #333333; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 14px;">काव्य और लेखन से पत्रकारिता में अपने सशक्त लेखन का विशेष स्थान बनाने वाले तिलक राज के</span><span style="color: #333333; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 14px;"> </span><b style="color: #333333; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 14px;">10 हजार पाठकों में लगभग 2000 अकेले अमरीका में हैं।</b><span style="color: #333333; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 14px;"> </span><span style="color: #19232b; font-family: arial; font-size: 13px; line-height: 18px;">यदि आप भी मुझसे जुड़ना चाहते हैं, तो आपका हार्दिक स्वागत है, संपर्क करें औऱ अपने सम्पर्क सूत्र सहित बताएं कि आप किस प्रकार व किस स्तर पर कार्य करना चाहते हैं, तथा कितना समय देना चाहते हैं ? आपका </span><span style="color: #19232b; font-family: arial; font-size: 13px; line-height: 18px;">आभार अग्रेषित है। </span><span style="color: #19232b; font-family: arial; font-size: 13px; line-height: 18px;">-</span><span style="color: #333333; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 14px;">तिलक,</span><span style="color: #333333; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 14px;"> </span><span style="color: #333333; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 14px;">संपादक</span><span style="color: #333333; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 14px;"> </span><span style="color: #333333; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 14px;">युगदर्पण मीडिया समूह </span><span style="color: #333333; font-family: 'ARIAL UNICODE MS', mangal, raghu8; font-size: 14px;">09910774607, 07531949051 </span></div>
</div>
</div>
<span style="background-color: white;">विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया | </span><br />
<span style="background-color: white;">इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक </span><br />
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;<br />
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक<br />
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Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-16848476861419673272016-01-10T11:37:00.001-08:002016-01-10T11:37:23.538-08:00हिंदुत्व बचाने को घर वापसी अभियान आवश्यक: तोगड़िया <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div style="text-align: justify;">
<span style="text-align: left;"><span id="lblHd" style="background-color: white; font-family: Hind; font-weight: bold;">हिंदुत्व बचाने को घर वापसी अभियान आवश्यक: तोगड़िया</span><span style="background-color: white; font-family: Hind;"> </span><br style="background-color: white; font-family: Hind;" /><span style="background-color: white; font-family: Hind; font-size: x-small;"><span style="color: red;"><b>तिलक </b></span> </span><br style="background-color: white; font-family: Hind; font-size: small;" /><span id="lblDt" style="background-color: white; font-family: Hind; font-size: x-small;">09 जन 16</span><span style="background-color: white; font-family: Hind; font-size: x-small;"> </span><span id="lblPlace" style="background-color: white; font-family: Hind; font-size: x-small;">नदि</span><span style="background-color: white; font-family: Hind; font-size: x-small;"> </span></span></div>
<div align="justify" style="text-align: justify;">
<a href="https://puridunia.com/wp-content/uploads/2016/01/%E0%A4%98%E0%A4%B0%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%AA%E0%A4%B8%E0%A5%80-300x210.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="घर वापसी" border="0" height="140" src="https://puridunia.com/wp-content/uploads/2016/01/%E0%A4%98%E0%A4%B0%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%AA%E0%A4%B8%E0%A5%80-300x210.jpg" width="200" /></a> विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता प्रवीण तोगड़िया ने सूरत में दावा किया है कि उनके संगठन ने गत 10 वर्ष में पांच लाख ईसाईयों और 2.5 लाख मुसलमानों की हिंदू समाज में घर वापसी की है। शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम में बोलते हुए तोगड़िया ने भारत में हिंदुत्व को बचाने के लिए ‘घर वापसी’ के अभियान को जारी रखने का आह्वान किया।</div>
<div style="text-align: justify;">
<span style="text-align: left;"><span id="lblBody" style="background-color: white; font-family: Hind; font-size: 14pt; text-align: justify;"></span></span><br /></div>
<div align="justify" style="text-align: justify;">
विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष तोगड़िया ने कहा, ‘‘गत 10 वर्ष में हमने पांच लाख से अधिक ईसाईयों और 2.5 लाख मुसलमानों की घर वापसी करायी। घर वापसी की हमारी दर हर वर्ष प्राय: 15,000 की है। किन्तु </div>
<div align="justify" style="text-align: justify;">
गत वर्ष हम 40,000 को पार कर गए, जो आरएसएस के आंकड़ों से अलग है।'' </div>
<div align="justify" style="text-align: justify;">
</div>
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;<br />
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक</div>
Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-37614541838359612032015-12-31T07:10:00.000-08:002015-12-31T07:10:15.662-08:00भड़काऊ कपड़ों में मंदिर प्रवेश वर्जित <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<span id="lblHd" style="background-color: white; font-family: Hind; font-weight: bold;">तमिलनाडु के मंदिरों में जनवरी से श्रद्धालू - परिधान </span><br />
<span style="font-size: x-small;"><span style="color: red; font-family: Hind;"><span style="background-color: white;"><b>युदस </b></span></span><br style="background-color: white; font-family: Hind;" /><span id="lblDt" style="background-color: white; font-family: Hind;">31 दिसं 15</span><span style="background-color: white; font-family: Hind;"> </span><span id="lblPlace" style="background-color: white; font-family: Hind;">मदुरै</span><span style="background-color: white; font-family: Hind;"> </span></span><br />
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="http://i2.wp.com/legendnews.in/wp-content/uploads/2015/11/temple.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" src="http://i2.wp.com/legendnews.in/wp-content/uploads/2015/11/temple.jpg" /></a></div>
<span style="background-color: white; color: #353535; font-family: 'Open Sans', sans-serif; line-height: 22.4px; text-align: justify;">वाराणसी के </span><span style="background-color: white; color: #353535; font-family: 'Open Sans', sans-serif; line-height: 22.4px; text-align: justify;">काशी विश्वनाथ दर्शन के लिए साड़ी पहनना पहले ही अनिवार्य है। यह नियम विदेशी महिलाओं पर भी लागू है। मंदिर में प्रवेश के लिए ड्रेसकोड </span><span style="text-align: justify;">'वेश मानक' </span><span style="background-color: white; color: #353535; font-family: 'Open Sans', sans-serif; line-height: 22.4px; text-align: justify;">लागू कर दिया गया है। </span><br />
<span style="background-color: white; color: #353535; font-family: 'Open Sans', sans-serif; line-height: 22.4px; text-align: justify;">मंदिर प्रशासन की ओर से यह कदम विदेशी सैलानियों के कम कपड़ों में मंदिर में आने के चलते उठाया गया है। इसके तहत सुरक्षाकर्मियों को कड़ाई से निगरानी रखने को कहा गया है। </span><br style="background-color: white; color: #353535; font-family: 'Open Sans', sans-serif; line-height: 22.4px; text-align: justify;" /><span style="background-color: white; color: #353535; font-family: 'Open Sans', sans-serif; line-height: 22.4px; text-align: justify;"><b>मंदिर प्रशासन ने भड़काऊ कपड़े पहनकर मंदिर में घुसने पर पाबंदी लगा दी है।</b> </span><br />
<span style="text-align: justify;">तमिलनाडु में विभिन्न मंदिरों में दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं को एक जनवरी से नए 'वेश मानक' का पालन करना होगा। </span>तमिलनाडू मंदिर प्रवेश अधिनियम की धारा 4, व अधिकारियों के अनुसार इस संबंध में कई तीर्थस्थलों के सूचना पट्ट पर चिपकाई गई सूचना है कि इस माह के आरम्भ में मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करते हुए, मंदिरों ने इस ड्रेस कोड 'वेश मानक' को लागू किया है। पलानी मंदिर के बाहर लगी सूचना के अनुसार पुरूष श्रद्धालुओं को धोती, शर्ट, पायजामा या पैंट-शर्ट पहनने का सुझाव दिया गया है जबकि महिला श्रद्धालुओं से साड़ी या चूड़ीदार या ‘आधी साड़ी’ के साथ ‘पावाडई’ पहनने का आग्रह किया गया है।<br />
<div align="justify">
इसमें बताया गया है कि जो श्रद्धालु लुंगी, बरमुडा, जींस और कसी हुई लैगिंग्स पहनकर आएंगे उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि अन्य मुख्य मंदिरों ने इस संबंध में सूचना जारी की है। इनमें रामेश्वरम और मीनाक्षी मंदिर भी शामिल हैं। मद्रास उच्च न्यायालय ने एक दिसंबर को अपने निर्णय में राज्य सरकार और हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ धर्मादा विभाग को आदेश दिया था कि वह मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 'वेश मानक' लागू करें, ताकि मंदिरों में आध्यात्मिक वातावरण को बढ़ाया जा सके। </div>
<span id="lblBody" style="background-color: white; font-family: Hind; font-size: 14pt; text-align: justify;"></span><br />
<div align="justify">
एक याचिका का निपटारा करते हुए न्यायाधीश एस. विद्यानाथन ने कहा था, ‘‘सार्वजनिक पूजा के लिए कोई परिधान होना चाहिए और सामान्यत: यह उपयुक्त ही जान पड़ता है।’’ उन्होंने कहा कि विभाग को मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए 'वेश मानक' लागू करने के लिए विचार करना चाहिए। महिला और पुरूषों के साथ ही उन्होंने बच्चों के लिए भी 'वेश मानक' के तहत पूरी तरह से ढंके हुए वस्त्र पहनने का सुझाव दिया था।<br />
<br /></div>
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;<br />
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक </div>
Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-28681020420385391402015-12-29T08:04:00.002-08:002015-12-29T08:04:31.999-08:00आई एस आई एस का भर्ती केंद्र -उल्टा प्रदेश<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div align="justify">
आई एस आई एस का भर्ती केंद्र -उल्टा प्रदेश<br />
उत्तर प्रदेश सरकार के एक मंत्री मोहम्मद आजम खां मुस्लिम समुदाय का नेता बनने की आकांक्षा में नित्य प्रति जो वातावरण विषाक्त कर रहे हैं, उसके चलते विधानसभा चुनाव के पूर्व राज्य के वातावरण में सांप्रदायिक उन्माद को बढ़ावा मिल रहा है। आजम खां ने 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए मुसलमानों को एकजुट होने के लिए प्रेरित किया है। कानून के अनुसार सांप्रदायिक आधार पर एकजुटता की अभिव्यक्ति अपराध है। जिस व्यक्ति ने ''सबके साथ न्याय'' की संवैधानिक शपथ ली हो, उसके द्वारा ऐसी अभिव्यक्ति नितांत अनुचित व महाअपराध बन जाता है। उसे मंत्री रहने का कोई अधिकार नहीं है। उनके वक्तव्य की प्रतिक्रिया में ही हिन्दू महासभा के <span style="text-align: left;">एक</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">कथित नेता ने पैगम्बर मोहम्मद साहब के बारे में ऐसी अभिव्यक्ति कर दी, जिससे सारा मुस्लिम समाज उत्तेजित हो उठा।</span></div>
<div align="justify">
आजम खां ने <span style="text-align: left;">राज्य सरकार के कई सौ करोड़</span><span style="text-align: left;"> के </span><span style="text-align: left;">बजट से</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">मौ</span><span style="text-align: left;">लाना मोहम्मद अली जौहर के नाम से एक ''विश्वविद्यालय'' स्थापित किया है, जिसके वे आजीवन चांसलर होंगे और उनकी पत्नी सचिव। जिन्हें इतिहास का ज्ञान है, वे यह जानते हैं कि अंग्रेजों ने 1902 में, बंगाल को दो भागों में बांटने का निर्णय कर दिया था। उसके विरुद्ध हिन्दू और मुसलमान एकजुट हो गए और अंग्रेजों को अपना निर्णय वापिस लेना पड़ा था। 1857 के बाद इस अभूतपूर्व एकजुटता से</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">घबराए</span><span style="text-align: left;"> अंग्रेजो ने इस एकता को तोड़ने के लिए 1906 में ढाका के नवाब को मुखौटा बनाकर मुस्लिम लीग की स्थापना करवाई। जिसके पहले सम्मेलन में मौलाना मोहम्मद अली जौहर ने ''ग्रीन चार्टर'' पेशकर मुस्लिम बहुल प्रदेशों की रचना का प्रस्ताव किया और प्रथम गोलमेज सम्मेलन के पूर्व इंगलैंड के गृह सचिव को पत्र लिखित चेतावनी दी कि यदि प्रदेशों की रचना नहीं हुई, तो खून की नदियां बह जाएगी। मौलाना तो चले गए किन्तु मुस्लिम बहुल आबादी का पाकिस्तान बनाने के लिए कितना रक्तपात हुआ है, उसके प्रत्यक्षदर्शी अभी भी जीवित हैं। मौलाना को महत्मा गांधी ने ''हिन्दू मुस्लिम एकता'' के लिए कांग्रेस का अध्यक्ष भी बनाया था, जिन्होंने बाद में एक ''मुस्लिम गुण्डे'' को गांधी से बेहतर बताया था। अपनी वाचलता से घृणा का भँवर लाने वाले मौलाना मुस्लिम लीग में भी नहीं रहे। गोलमेज सम्मेलन में वे ''मुसलमानों'' का प्रतिनिधित्व करने के लिए अलग से पहुंचे थे, किन्तु सम्मेलन के पहले ही उनका निधन हो गया। भारत में दफनाया जाना उनको पसंद नहीं था, वे मक्का में दफनाया जाना चाहते थे, किन्तु वहां की सरकार ने इसके लिए अनुमति नहीं दी। तब संभवतः उनको यमन में दफनाया गया। </span></div>
<div align="justify">
समय समय पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष के लिए सिरदर्द बनने के बाद भी अखिलेश मंत्रिमंडल के सदस्य <span style="text-align: left;">आजम खां के प्रेरक मौलाना जौहर ही हैं।</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">वह समय समय पर मुख्यमंत्री </span><span style="text-align: left;">अखिलेश यादव और मुलायम सिंह</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">को घुटने टेकने या अपमानित कर, यह प्रमाण देते रहते हैं कि मुख्यमंत्री कोई हो शा</span><span style="text-align: left;">सन </span><span style="text-align: left;">उनका </span><span style="text-align: left;">ही चलता </span><span style="text-align: left;">है। अब तो उन्होंने दावा किया है कि वे प्रधानमंत्री बनेंगे और मुलायम सिंह यादव ही उनके नाम का प्रस्ताव करेंगे। </span><br />
अनेकानेक उत्तेजित करने वाली अभिव्यक्तियों के बीच, अभी उन्होंने यह कह डाला कि 2002 में गुजरात की जैसी स्थिति थी, वैसी इस समय सारे देश में पैदा हो गई है। ज्ञात हो कि गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर रेलगाड़ी में सवार 69 कारसेवकों को जीवित जला देने की घटना के बाद वहां दंगा भड़का था, जिसमें कई सौ लोग मारे गए थे। तो क्या देश में ऐसा वातावरण है कि गोधरा दोहराया जायेगा और उसकी प्रतिक्रिया स्वरूप भीषण दंगा होगा? पाकिस्तान प्रेरित अनेक संगठनों के लिए बारकुनों की भर्ती का सबसे उपयुक्त स्थान बना उत्तर प्रदेश इस समय इस्लामिक स्टेट संगठन के लिए भर्ती का मुख्य केंद्र बनता जा रहा है। आजमगढ़ और सम्भल जनपदों में उनकी गतिविधियों के जो प्रयास प्रगट हुए हैं, उससे मुस्लिम समुदाय भी चिंतित है।</div>
<span id="lblBody" style="background-color: white; font-family: Hind; font-size: 14pt; text-align: justify;"></span><br />
<div align="justify">
सामूहिक रूप से जब मुस्लिमों ने पेरिस में हुए हमले की भर्त्सना करते हुए इस्लाम की शांति का संदेश दिया तो आजम खां ने आईएस समर्थक होना पसंद किया। उन्होंने कहा कि ऐसा कांड किस बात की प्रतिक्रिया है, इस पर भी ध्यान देना चाहिए। आजम खां मुसलमानों में लोकप्रिय नहीं हैं। समाजवादी पार्टी में ही जो मुसलमान हैं, वे उनको नेता मानने के लिए तैयार नहीं हैं। दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम हों या फिर बरेलवी पंथ के लोग, आजम खां से उनका छत्तीस का सम्बन्ध रहा है, आज भी है। शिया समुदाय के लोग तो उन्हें अपना सबसे बड़ा शत्रु मानते हैं। ऐसे वातावरण में मुस्लिम नेता बनने के लिए उन्होंने कटु अभिव्यक्तियों के माध्यम से उत्तेजना फैलाकर मुसलमानों का नेतृत्व संभालने का जो अभियान चलाया है, उसकी प्रतिक्रिया भी हुई है।<br />
<b>ऐसे में सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि स्पष्ट संकेत देने का साहस मुस्लिम समाज में है क्या ? </b><br />
<b>इतिहास साक्षी है कि<span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">इस्लामिक कट्टर पंथ के समक्ष,</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">हिन्दू समाज का चिंतन सदा मानवीय रहा है और परिस्थितिवश कभी आत्मरक्षा का भाव आवेश का कारण बना भी, तो उसे भी अनुचित न होते हुए भी, हिन्दुओं ने ही उसे सबसे पहले अनुचित ठहरा दिया। इस विरोध में सांप्रदायिक सद्भाव के नाम वे राष्ट्रद्रोह की सीमा तक चले गए। अब देखना यह है कि </span><span style="text-align: left;">सांप्रदायिक सद्भाव</span></b><span style="text-align: left;"><b> और एकता के लिए भारत का मुसलमान आज़म खान का विरोध करता है या नहीं और किस सीमा तक जा कर। </b></span></div>
विश्वगुरु रहा वो भारत, इंडिया के पीछे कहीं खो गया |<br />
इंडिया से भारत बनकर ही, विश्व गुरु बन सकता है; - तिलक<br />
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;<br />
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक</div>
Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-5662988106086122692015-12-21T12:51:00.001-08:002015-12-21T20:54:57.201-08:00राम मंदिर अयोध्या, विहिप और शर्मनिरपेक्ष व्यवस्था <div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div align="justify" style="background-color: white; font-family: Hind; text-align: justify;">
<span id="lblHd" style="font-weight: bold; text-align: -webkit-left;">राम मंदिर</span><span style="font-weight: bold; text-align: -webkit-left;"> </span><span style="font-weight: bold; text-align: -webkit-left;">अयोध्या,</span><span style="font-weight: bold; text-align: -webkit-left;"> विहिप और शर्मनिरपेक्ष व्यवस्था </span><span style="text-align: -webkit-left;"></span><br />
<span style="font-size: x-small;"><span style="text-align: -webkit-left;"><span style="color: red;"><b>तिलक </b></span> </span><br style="text-align: -webkit-left;" /><span id="lblDt" style="text-align: -webkit-left;">21 दिसं 15</span><span style="text-align: -webkit-left;"> न दि </span><span style="text-align: -webkit-left;"> </span></span></div>
<div align="justify">
<a href="https://arisebharat.files.wordpress.com/2014/12/rammandir-proposed.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="136" src="https://arisebharat.files.wordpress.com/2014/12/rammandir-proposed.jpg" style="text-align: left;" width="200" /></a><b>जय श्री राम,</b> विश्व हिंदू परिषद (विहपि) की ओर से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हेतु देशभर से पत्थर इकट्ठा करने का राष्ट्रव्यापी अभियान घोषित करने के प्राय: छह माह बाद, रविवार को पत्थरों से लदे दो ट्रकों के शहर में प्रवेश करने पर जिला पुलिस सतर्क हो गई और स्थिति <span style="text-align: left;">पर ध्यान रख रही है। विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा, ‘‘अयोध्या में विहिप की संपत्ति राम सेवक पुरम में दो ट्रकों से पत्थर उतारे गये हैं और राम जन्म भूमि के अध्यक्ष महंत नृत्य दास की ओर से ‘शिला पूजन’ किया गया है।’’ इसमें कुछ भी गलत नहीं है। </span></div>
<div align="justify">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi2iyfSNO1KEU6Rtws5e2ZyDhEYR9ONlRBVhL7crHkRDEHkta01IAP171Doz_zeAkHlb13juKMeDKFi4lWVfQgQoCr-1wj0sBqRC_1b7SyqoCAmrIwcOEI7cfyvgXo38Cfi6HKUEm5_fKoi/s1600/%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25AE+%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B0%25C2%25A0%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25AF%25E0%25A5%258B%25E0%25A4%25A7%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%252C%25C2%25A0%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AA+%25E0%25A4%2594%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25B6%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B7+%25E0%25A4%25B5%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A5%25E0%25A4%25BE%25C2%25A0.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi2iyfSNO1KEU6Rtws5e2ZyDhEYR9ONlRBVhL7crHkRDEHkta01IAP171Doz_zeAkHlb13juKMeDKFi4lWVfQgQoCr-1wj0sBqRC_1b7SyqoCAmrIwcOEI7cfyvgXo38Cfi6HKUEm5_fKoi/s320/%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25AE+%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%25A6%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B0%25C2%25A0%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25AF%25E0%25A5%258B%25E0%25A4%25A7%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%252C%25C2%25A0%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AA+%25E0%25A4%2594%25E0%25A4%25B0+%25E0%25A4%25B6%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AE%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B7+%25E0%25A4%25B5%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25B8%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25A5%25E0%25A4%25BE%25C2%25A0.jpg" width="320" /></a></div>
इस बीच, महंत नृत्य गोपाल दास ने बताया कि मोदी सरकार से ‘‘संकेत’’ मिले हैं कि मंदिर का निर्माण ‘‘अब’’ कराया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘अब समय<span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">आ गया है</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">कि</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">अयोध्या में राम मंदिर निर्माण किया जाये</span><span style="text-align: left;">। आज अयोध्या में ढेर सारे पत्थर पहुंच गये हैं। अब पत्थरों का पहुंचना जारी रहेगा।" विहिप मुख्यालय पर पत्थरों के पहुंचने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए फैजाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहित गुप्ता ने कहा, ‘‘हम हालात पर पैनी निगाह रख रहे हैं। पत्थर लाए गए हैं और एक निजी परिसर में रखे गए हैं। इस घटना से यदि शांति भंग होती है या सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ता है, तो हम निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे।’’ </span></div>
<div align="justify">
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का अपना प्रण दोहराते हुए विहिप ने जून में घोषित किया था कि वह मंदिर निर्माण के लिए देश भर से पत्थर इकट्ठा करेगी। विहिप ने मुस्लिम समुदाय को भी चेतावनी दी थी कि वह राम मंदिर निर्माण में कोई अड़ंगा न लगाए। विहिप के दिवंगत नेता अशोक सिंघल<span style="text-align: left;"> ने </span><span style="text-align: left;">गत माह </span><span style="text-align: left;">कहा था, ‘‘राम मंदिर निर्माण के लिए प्राय: 2.25 लाख क्यूबिक फुट पत्थरों की आवश्यकता है और </span><span style="text-align: left;">प्राय:</span><span style="text-align: left;"> 1.25 लाख क्यूबिक फुट पत्थर अयोध्या स्थित विहिप मुख्यालय में तैयार रखे हैं। शेष एक लाख क्यूबिक फुट पत्थर देश भर से हिंदू श्रद्धालुओं से इकट्ठा किए जाएंगे।’’</span></div>
<div align="justify" style="background-color: white; font-family: Hind; text-align: justify;">
<span id="lblBody" style="font-size: 14pt;"></span></div>
<div align="justify">
एक ओर हमारी शर्म निरपेक्ष व्यवस्था के प्रशासन ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया <span style="text-align: left;">व्यक्त </span>करते हुए कहा था कि वह इस कदम का विरोध करेगा, क्योंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के प्रमुख सचिव देवाशीष पांडा ने कहा था कि राज्य सरकार राम मंदिर के लिए अयोध्या में पत्थर नहीं आने देगी। उन्होंने कहा था, ‘‘चूंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, अत: सरकार अयोध्या मुद्दे के बारे कोई नई परंपरा शुरू करने की अनुमति नहीं देगी।’’<br />
दूसरी ओर देश के मुस्लिम समाज की बदलती सोच है जिसमे BAP की अध्यक्षा, नज्मा प्रवीन ने कहा कि यदि मुस्लिम से सम्मान व प्रगति चाहते हैं तो करोड़ों हिन्दुओं की राम के प्रति श्रद्धा से खेल कर नहीं, उसका सम्मान करते, घृणा के स्थाई अंत के लिए राम की जन्म भूमि <span style="text-align: left;">पर </span><span style="text-align: left;">मंदिर निर्माण में सहभागी बन सद्भाव के प्रति उन्हें भी रूचि दिखाने का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। </span><br />
<span style="text-align: left;">एक अन्य हैं मुस्लिम महिला फाउंडेशन </span><span style="text-align: left;">की अध्यक्षा,</span><span style="text-align: left;"> नाज़नीन अंसारी कहती हैं, "राम से युद्ध करनेवाले रावण को लोगों ने माफ़ नहीं किया, तो राम मंदिर को तोड़ने वाले बाबर और उसके समर्थकों को लोग कैसे माफ़ करेंगे? तथा </span><span style="text-align: left;">नाज़नीन अंसारी</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">के अनुसार <b>मंगोल आक्रमणकारी बाबर के पूर्वज हलाकू ने 1258 में बगदाद के खलीफा सहित हजारों मुसलमानों की हत्या की थी तथा बाबर ने 1528 में राम मंदिर तोड़ कर घृणा के बीज बोये थे। सब जानते हैं भारतीय मुसलमानों का मंगोल से कोई सम्बन्ध नहीं है। इस प्रकार मंदिर निर्माण का विरोध करने वाले हिन्दू तो क्या मुसलमानों के भी हितचिंतक नहीं शत्रु हैं। </b></span><br />
<span style="text-align: left;">दशकों </span><span style="text-align: left;">की</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">खुदाई और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट </span><span style="text-align: left;">ने</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">बिना</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">शक के साबित कर दिया</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">कि</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">मंदिर को नष्ट करके मस्जिद के निर्माण में</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">बाबर </span><span style="text-align: left;">का</span><span style="text-align: left;"> </span><span style="text-align: left;">एक नापाक हित था। जिस प्रकार आक्रान्ताओं ने अन्य सहस्त्रों मंदिरों का विध्वंस किया था। इन तथ्यों से स्पष्ट है कि मस्जिद से पूर्व वहां मंदिर था। अत: अब इलाहबाद उच्च न्यायालय को न्यायोचित निर्णय देने में विलम्ब का कोई कारण नहीं रहा। </span></div>
आप बताएं कि आप बाबर समर्थक शर्मनिरपेक्षता के साथ हैं ? अन्यथा मंदिर विरोधी शर्मनिरपेक्षों को मुहतोड़ उत्तर देकर बाधा कड़ी करने वालों का मुँह बंद कर, समाधान चाहने वालों को मानसिक समर्थन देवें।<br />
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;<br />
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक</div>
Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-24670930613892428722015-06-20T02:45:00.001-07:002015-12-21T12:55:41.614-08:00धर्म संचित अनुभव का नाम है, अनुमान नहीं<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div style="background-color: white; color: #141823; font-family: helvetica, arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 21.466667175293px; margin-bottom: 6px;">
<b><span style="line-height: 21.466667175293px;">धर्म </span><span style="line-height: 21.466667175293px;">संचित </span><span style="line-height: 21.466667175293px;">अनुभव</span><span style="line-height: 21.466667175293px;"> का नाम है, </span><span style="line-height: 21.466667175293px;">अनुमान</span><span style="line-height: 21.466667175293px;"> नहीं </span></b></div>
<div style="background-color: white; color: #141823; font-family: helvetica, arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 21.466667175293px; margin-bottom: 6px;">
धर्म को स्थिर रखने हेतु कठोर नियमो का पालन आवश्यक होता है... धर्म कोई गुड्डे-गुड़ियों का खेल नही कि समाज के किसी एक वर्ग, समुदाय को प्रसन्न करने हेतु... प्रयोग के उपयोग खेलते रहें आप।</div>
<div style="background-color: white; color: #141823; font-family: helvetica, arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 21.466667175293px; margin-bottom: 6px; margin-top: 6px;">
ऐसे ही नही धर्मरक्षार्थाय, किसी को अवतार लेकर महाभारत रचता पड़ता है... परन्तु बिना हड्डी की जिव्हा से धर्मविरुद्ध वाणी का उपयोग करने में अधिक परिश्रम भी नही लगता।</div>
<div style="background-color: white; color: #141823; font-family: helvetica, arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 21.466667175293px; margin-bottom: 6px; margin-top: 6px;">
आज भारत में या विश्व में धर्म का जो भी निम्नतर स्तर आप पाते हैं, उनके अपराधी वे समाज सुधारक हैं, जिन्होंने धर्म-शास्त्रों के अध्ययन किये बिना... अपने सु<span class="text_exposed_show" style="display: inline;">धार कार्यक्रमो को धर्म से ऊपर रखा। </span></div>
<div class="text_exposed_show" style="background-color: white; color: #141823; display: inline; font-family: helvetica, arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 21.466667175293px;">
<div style="margin-bottom: 6px;">
इन्ही लोगों द्वारा समर्थित लोकतन्त्र और धर्म-निरपेक्षता के योग से बने कैंसर का दर्पण देखिये... कि बुरे को बुरा कहना अपराध होता है और अच्छे को बुरा कहना कथित बुद्धिजीवी की अभिव्यक्ति की स्व्तंत्रता। </div>
<div style="margin-bottom: 6px; margin-top: 6px;">
आगम शास्त्रों में लिखे गए धर्म के नियमो के विरुद्ध जाकर, स्वयं को बुद्धिजीवी सिद्ध करने वालों की हठधर्मिता, बालपन, अज्ञानता और महामूर्खता ने आज सम्पूर्ण विश्व को विनाश के कगार पर खड़ा कर दिया है। </div>
<div style="margin-bottom: 6px; margin-top: 6px;">
ऐसे लोग कभी स्वयम् के व्यापार, व्यवसाय आदि में नियमो का उल्लंघन नहीं करते... असफलता और हानि के भय से, वहां वे अपने व्यवसाय से सम्बन्धित कुशल अनुभवी लोगों को ऊँचे वेतन देकर अपना कार्य करवाते हैं ... परन्तु धर्म के विषयों पर गूगल wikipedia से दो-चार श्लोक पढ़ कर यही लोग, कुतर्क करते हुए, प्रयाग के खेल में लग जाते हैं ... क्योंकि धर्म में हानि से इनके परिवार और व्यवसाय पर कोई प्रत्यक्ष हानि नही पहुँचती। </div>
<div style="margin-bottom: 6px; margin-top: 6px;">
जब धर्म की बात आती है तो एक पानवाला भी देवालयों को छोड़कर शौचालयों को पूजने की कु-शिक्षा देता दिखाई देता है... विश्व भरा पड़ा है ऐसे नासखेत बुद्धिजीवियों से।</div>
<div style="margin-bottom: 6px; margin-top: 6px;">
Perception, Conception और Misconception में वही अंतर होता है, जो आकाश से लेकर भूमि तथा और भूमि से लेकर पाताल तक का अंतर होता है। </div>
<div style="margin-bottom: 6px; margin-top: 6px;">
धर्म के कार्य धर्मशास्त्रों पर ही छोड़ दिजिए... धर्म को आगे बढ़ाने का कार्य धर्म को अनुभव करने से चलता है... अनुमान, विपर्यय, निद्रा या स्मृति के आधार पर नही। <span style="line-height: 21.466667175293px;"></span></div>
</div>
<span style="background-color: white; color: #141823; font-family: helvetica, arial, sans-serif; font-size: 14px; line-height: 21.466667175293px;">जय श्री राम कृष्ण परशुराम वन्देमातरम। </span><br />
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका;
विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक</div>
Tilak Relanhttp://www.blogger.com/profile/05966320145794113040noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7479741145507762980.post-26355723739575260012015-05-17T00:11:00.000-07:002015-05-17T05:22:57.835-07:0020 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<b>17, मई 2015 आज 20 वीं पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन </b></div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
</div>
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<b><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgRN65aaJ87D-rBDv60PK8Z2JNYenG5_Dp08GKu6tnk15oRyIrzfqOCPvXu7Q12voYZQdQxM3aB1CnfkNzIYLxB_fiJI8orb5ZvSyRoCDPIUqITa294viNuhCsfa-0tfNOzdxzjuTlHjrI6/s1600/SD+Relan.jpg" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgRN65aaJ87D-rBDv60PK8Z2JNYenG5_Dp08GKu6tnk15oRyIrzfqOCPvXu7Q12voYZQdQxM3aB1CnfkNzIYLxB_fiJI8orb5ZvSyRoCDPIUqITa294viNuhCsfa-0tfNOzdxzjuTlHjrI6/s320/SD+Relan.jpg" width="320" /></a></b></div>
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhxFVOl7oHmeV-VXJqhFCuW679eF7jBnjMZlfcASdo2Ux85weYXkX3ZGOoETxf6TSs2l83a5ycvazAD5OOHGdXrFg_P-Ola7lOS7rYnttFZpJZb9o8BtQc5iJu4hyphenhyphennFhh9kIZPp3doaBqh6/s1600/PresentationMa17.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; float: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><span style="text-align: left;"></span></a><b style="clear: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhxFVOl7oHmeV-VXJqhFCuW679eF7jBnjMZlfcASdo2Ux85weYXkX3ZGOoETxf6TSs2l83a5ycvazAD5OOHGdXrFg_P-Ola7lOS7rYnttFZpJZb9o8BtQc5iJu4hyphenhyphennFhh9kIZPp3doaBqh6/s1600/PresentationMa17.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;"><span style="text-align: left;">20 </span><span style="text-align: left;">वीं </span><span style="text-align: left;">पुण्य तिथि पर श्रद्धा सुमन</span></a></b></div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<span style="text-align: left;">स्व. सुशीला देवी रेलन जी, की 20 वीं पुण्य तिथि ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी रविवार 17 मई 2015. 20 वर्ष पूर्व आपने नश्वर शरीर त्याग दिया, किन्तु हमारे ह्रदय मंदिर में आप सदा ही विराजमान रही हैं। हम सब आपको श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। </span></div>
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;">
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhxFVOl7oHmeV-VXJqhFCuW679eF7jBnjMZlfcASdo2Ux85weYXkX3ZGOoETxf6TSs2l83a5ycvazAD5OOHGdXrFg_P-Ola7lOS7rYnttFZpJZb9o8BtQc5iJu4hyphenhyphennFhh9kIZPp3doaBqh6/s1600/PresentationMa17.jpg" imageanchor="1" style="clear: left; display: inline !important; margin-bottom: 1em; margin-right: 1em;">माँ, जो गर्भ से मृत्यु तक, हर पल अपने बच्चों के हर दुःख सुख की साथी, जिसकी गोद हर पीड़ा का हरण करती है। <span style="text-align: left;">माँ तो बस </span><span style="text-align: left;">माँ होती है, बच्चों में उसकी जाँ होती है। </span>बचपन ही नहीं वृद्धावस्था व् जीवन के अंत तक हर पल जब भी तुझे स्मरण करता हूँ भाव विहल हो जाता हूँ। माँ, तेरी याद बहुत आती है, .... अब मेरे दामाद सिद्धार्थ, बहु शालिमा व एक नन्हा नाती अद्विक भी हो गए; पर माँ, तेरी याद बहुत आती है।। तिलक- संपादक युग दर्पण मीडिया समूह, 7531949051, 9910774607. </a></div>
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का<br />
सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक<br />
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं एक मिशन है| -युगदर्पण<br />
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